उज्जैन में एक मंदिर ऐसा है जो साल में एक बार दर्शनार्थ खोला जाता है
उज्जैन, । महाकालेश्वर मंदिर के दूसरे तल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट कल रात्रि 12 बजे विधि विधान के साथ खुले।श्री महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के महंत विनीत गिरी ने पूजन किया।पश्चात मंदिर प्रशाशक नरेंद्र सूर्यवंशी ने शिवलिंग की पूजा की। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ऑन लाइन दर्शन जारी है।पुराणों में बताया गया है कि यह विश्व का एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान विष्णु की जगह बाबा महाकाल का परिवार शेष नाग पर विराजमान है। इसलिए इस मंदिर को नागचंद्रेश्वर भगवान का मंदिर कहा जाता है। विश्व भर में बाबा महाकाल ही एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है, जिनके शिखर भाग पर 11 वीं शातब्दी की महाकालेश्वर परिवार संग शेष नागचंद्रेश्वर की अद्भुत प्रतिमा है।बता दें कि तीर्थ नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल मंदिर के साथ नागचंद्रेश्वर का भी मंदिर जो साल में सिर्फ एक बार यानि नागपंचमी के दिन ही खोला जाता है वो भी रात 12 से अगले दिन 12 बजे तक इसी समय यहां दर्शन किए जाते हैं। आज नाग पंचमी के अवसर पर मंदिर के विधिविधान के साथ पट खोल दिए, हालांकि कोरोना को देखते हुए इस बार ऑनलाइन ही दर्शन किए जा रहे हैं।