गोपाल भार्गव ने लिखा- एम.डी. मेडिसिन की तुरंत आवश्यकता है, 2 लाख वेतन और रहना-खाना मुफ्त
सागर।मध्यप्रदेश में कोराना संक्रमण के कोहराम से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने सागर के गढ़ाकोट में 70 वेड का कोिवड केयर सेंटर शुुरू किया है, लेकिन सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर यहां सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में भार्गव ने इस कोविड सेंटर में सेवाएं देने के लिए डॉक्टर को जॉब आफर किया है।
मंत्री भार्गव ने सोशल मीडिया पर लिखा है- गढ़ाकोटा कोविड केयर सेंटर में डॉक्टर एमडी (मेडिसिन) की तुरंत आश्वयकता है। वेतन 2 लाख रुपए प्रति माह। आवास, भोजन और लग्जरी वाहन मेरी तरफ से रहेगी। संपर्क के लिए उन्होंने अपना मोबाइल नंबर दिया है। बता दें कि गोपाल भार्गव ने अपने विधानसभा क्षेत्र में संक्रमित मरीजों को सीटी स्केन की जांच मुफ्त में कराने की व्यवस्था भी की है।
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की हालत यह है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पताल तक 8717 चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञों के पद हैं, लेकिन इनमें 4513 खाली पड़े हैं। प्रदेश के 1199 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 264 बिना डॉक्टर, 617 बिना लैब टेक्नीशियन और 397 बिना फार्मासिस्ट के हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। हालत बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज लाया जाता है।
स्वास्थ्य बजट के नाम पर 5 साल में 42 हजार करोड़ खर्च
मध्य प्रदेश में पिछले 5 साल में स्वास्थ्य के बजट पर 42 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में 3513 विशेषज्ञ और चिकित्सा अधिकारियों के पद खाली पड़े हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना महामारी में अस्पतालों की सांसे कितनी फूल चुकी है। जब मध्यप्रदेश अस्तित्व में आया था तब प्रदेश में 7400 एलोपैथी डॉक्टर थे। अब निजी व सरकारी मिलाकर 38,180 डॉक्टर हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंड के अनुसार 1 हजार की आबादी पर एक एलोपैथी डॉक्टर होना चाहिए। इस लिहाज से मध्य प्रदेश की करीब साढ़े सात करोड़ आबादी के हिसाब से 75 हजार डॉक्टरों की जरूरत है।