मानव तस्करी के गिरोह के दो और सदस्यों को पुलिस ने धरे
कानपुर।मानव तस्करी के गिरोह में कई और लोग भी शामिल हैं। जेल भेजे गए आरोपियों के मोबाइल नंबरों से दो से तीन संदिग्धों के नंबर मिले हैं। कुछ व्हाट्सएप चैट मिली है। जिससे पता चलता है कि ये संदिग्ध भी गिरोह के साथ मिलकर लोगों को जाल में फंसाते थे और विदेश भेजते थे। पुलिस इन सभी की कुंडली खंगाल रही है।
पर्याप्त साक्ष्य जुटाने के बाद पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। ओमान में बेची गई महिला के मामले में पुलिस ने मुजम्मिल और अति उर्र रहमान को जेल भेजा है। पुलिस ने जब दोनों के मोबाइल नंबरों की सीडीआर निकाली तो अहम तथ्य हाथ लगे। कानपुर के दो ऐसे लोग हैं जो उनके साथ मिलकर ये काम कर रहे थे।
उनका मुख्य काम था कि जरूरतमंद, गरीब महिलाओं को जाल में फंसाना। उसके बाद इन दोनों से मिलवाना था। जिसके बाद मुजम्मिल व अति उर्र रहमान उनको विदेश में बेच देते थे। इसके अलावा अहमदाबाद, महाराष्ट्र व कर्नाटक के लोग भी व्हाट्सएप ग्रुप पर इनसे जुड़े हुए थे।
वे सभी ट्रैवल्स एजेंसी चलाते हैं। वीजा और टिकट का इंतजाम वही करवाते हैं। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि पूरे नेटवर्क को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। सबसे पहले साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। फिर एक-एक पर कार्रवाई की जाएगी।
पीड़िता के अभी तक बयान दर्ज नहीं हो सके
कर्नलगंज इंस्पेक्टर प्रभुकांत ने बताया कि पीड़िता के पुलिस बयान दर्ज कर चुकी है। अभी कोर्ट में बयान दर्ज करना बाकी है। जल्द कोर्ट में बयान दर्ज कराने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। डीसीपी क्राइम ने बताया कि जालंधर, चेन्नई और गोवा पुलिस के संपर्क में रहकर मानव तस्करी के बड़े गिरोह तक पहुंचने के संबंध में जानकारियां जुटाई जा रही हैं।