मरीज जिंदा है या मरा, कोई तो बताए, तीमारदारों की गुहार सुनने वाला कोई नहीं
कानपुर।सरकारी से लेकर निजी कोविड अस्पतालों में सही इलाज तो दूर तीमारदारों को मरीजों के बारे में ठीक से जानकारी तक नहीं दी जा रही है। कानपुर के कृष्णा हॉस्पिटल में भर्ती मरीज की बहन निधि तिवारी ने रोते-रोते बताया कि कोरोना संक्रमित भाई को एक दिन पहले भर्ती कराया था, पर तब से उन्हें दिखाया नहीं है
दोपहर एक बजे कहने लगे कि उसका शरीर सिर्फ एक प्रतिशत हरकत कर रहा है। छुट्टी करने को कहा तो बताया कि वह एक्टिव हो रहा है। निधि भाई को दिखाने की गुहार लगाती रही लेकिन कुछ नहीं हुआ। वहीं, रीतेश भार्गव ने बताया कि उसकी ताई 22 अप्रैल से यहां भर्ती है।
उनका ऑक्सीजन लेवल 90 था। रात में बताया कि उनकी हालत में सुधार है। जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। शुक्रवार सुबह अस्पताल से फोन आया कि उन्हें वेंटीलेटर पर रख दिया है। थोड़ी देर बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। डेढ़ लाख का बिल पकड़ा दिया, पर एक भी जांच रिपोर्ट नहीं दी। रीतेश ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। बताया कि कई अन्य तीमारदारों से इसी तरह वसूली की जा रही है। मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई।