सोयाबीन के तेल और केमिकल से बना रहे थे नकली घी और सिंथेटिक पनीर
ग्वालियर।घाटीगांव के जखा गांव में नकली घी और सिंथेटिक पनीर बनाने की फैक्टरी क्राइम ब्रांच ने पकड़ी है। यहां बड़े स्तर पर सोयाबीन ऑइल, मिल्क क्रीम और एसेंस को मिलाकर नकली घी बनाया जा रहा था। इस घी को ग्वालियर के अलावा दूसरे शहरों में भी सप्लाई किया जा रहा था। पुलिस ने जब यहां छापा मारा तो दस ड्रमों में घी, सोयाबीन का तेल, पनीर, एसीटिक एसिड और हाइड्रोजन पेरोक्साइड मिला है। क्राइम ब्रांच ने खाद्य विभाग को भी सूचना दी। इसके बाद सैंपलिंग की गई। खाद्य विभाग ने पूरी रिपोर्ट तैयार कर एफआईआर के लिए एसपी को पत्र दिया है। इस मामले में देर रात एफआईआर दर्ज की गई।
एसपी अमित सांघी ने बताया कि घाटीगांव के जखा गांव की एक वीडियो किसी ने भेजी थी। जिसमें भारी मात्रा में नकली घी, सिंथेटिक पनीर बनाए जाने की सूचना थी। इसकी पड़ताल के लिए क्राइम ब्रांच के डीएसपी रत्नेश तोमर और उनकी टीम को लगाया। दो दिन से टीम इस पर काम कर रही थी। पूरी तैयारी के बाद सोमवार दोपहर में क्राइम ब्रांच की टीम ने यहां छापा मारा। नीरज पुत्र भोलाराम शर्मा निवासी हनुमान मंदिर, ग्राम जखा इस पूरे काम का मास्टरमाइंड है। वह गांव में ही श्याम के नाम से डेयरी चलाता है।
सेहत से खिलवाड़… दस ड्रमों में भरा मिला नकली घी, सोयाबीन तेल और हानिकारक केमिकल
ऐसे बनता था नकली घी-डिप्टी कलेक्टर डॉ.संदीप खेमरिया ने बताया कि आरोपी सोयाबीन ऑइल, मिल्क क्रीम को गर्म कर उसमें एसेंस मिलाता था। इससे वह घी बनाता था। दूध फटे न इसके लिए हाइड्रोजन पेरोक्साइड का इस्तेमाल करता था। सिंथेटिक पनीर भी एसीटिक एसिड और दूध की मदद से बनाता था। ऐसा बताया गया है कि वह महज 30 रुपए में एक किलो पनीर बना लेता था। इसे 250 से 300 रुपए किलो तक बेचा जाता है।
पूरी डेयरी में गंदगी पसरी थी, घी बनाने के लिए सामान गर्म किया जा रहा था-पुलिस के अनुसार, जब यहां छापा मारा तो ड्रमों में घी भरा हुआ था। पूरी डेयरी में गंदगी पसरी थी। यहां पनीर, मिल्क क्रीम भी मिली। घी बनाने के लिए मिल्क क्रीम, सोयाबीन ऑइल को गर्म किया जा रहा था। मास्टरमाइंड नीरज शर्मा को पकड़ा गया और उससे पूछताछ की गई। यहां इतनी भारी मात्रा में घी पकड़े जाने के बाद खाद्य विभाग को सूचना दी। डिप्टी कलेक्टर डॉ.संजीव खेमरिया भी यहां अपने स्टाफ के साथ पहुंच गए। उन्होंने सैंपल लिए। अब पुलिस नीरज से पूछताछ कर यह पता लगाएगी कि उसका नेटवर्क कहां तक फैला है। वह कब से यह काम कर रहा है।