दूल्हे ने एक ही मंडप में दो दुल्हनों संग लिए सात फेरे, शादी के कार्ड पर भी छपवाए दोनों के नाम
राजस्थान । बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी स्थित कडदा गांव में शनिवार रात को एक अनूठा विवाह हुआ। यहां एक दूल्हे ने एक ही मंडप में दो दुल्हनों के साथ सात फेरे लिए। इस शादी की खास बात यह थी कि इसमें तीनों के परिवार शामिल हुए। सामान्य शादी की तरह इस शादी के कार्ड भी छपवाए गए थे और इस पर बाकायदा दोनों ही दुल्हनों के नाम भी छपवाए गए थे।
मिली जानकारी के अनुसार, आनंदपुरी स्थित कडदा गांव में एक दूल्हा दिनेश दो दुल्हन सीता- गीता के साथ परिणय बंधन में बंधा। इस विवाह को लेकर परिवार में उत्साह का माहौल था। दूल्हे के सेहरे और दोनों दुल्हनों के सिर पर ओढ़ाई चुनरी पर लाइटिंग की गई थी। यह अनूठी शादी कडदा गांव के दिनेश पुत्र कमजी पटेल ने रचाई। एक साथ दो लड़कियों से शादी का यह राज्य में संभवतरू पहला मामला है। बताया जा रहा है कि आदिवासी अंचल के इस ग्रामीण क्षेत्र में एक से ज्यादा पत्नी रखने की परंपरा है। लोग यहां इसे गलत नहीं मानते, यही वजह थी कि पूरा गांव इस शादी में शामिल हुआ।
एक से नातरा और दूसरी से सगाई के बाद रचाई शादी-बरजडिया निवासी सीता और आंबा निवासी गीता से शादी करने वाले दिनेश ने एक युवती को पहले नातरा के तहत रखा और अब शादी कर सामाजिक मान्यता दी। बता दें कि इस प्रथा के तहत एक व्यक्ति बिना शादी किए एक महिला के साथ रहता है। हालांकि, इसे कानूनी रूप से स्वीकृति नहीं है, लेकिन समाज में कुछ दण्ड देने के बाद इसे स्वीकृत कर लिया जाता है। वहीं दूसरी युवती से दिनेश ने सगाई होने के बाद शादी की है।
दो पत्नियों वाला यह दूल्हा पेशे से है ठेकेदार-आनंदपुरी का कडदा निवासी दूल्हा दिनेश पटेल पेशे से एक संपन्न निर्माण कारीगर है। वह गुजरात क्षेत्र में ठेकेदारी के काम भी करता है। बताया जा रहा है कि शुरुआत में विरोध हुआ, तो शादी नहीं हो पाई। अभी लॉकडाउन में दिनेश के ठेकेदारी संबंधित कार्य बंद हैं। ऐसे में उसने वर्षों बाद अघोषित रिश्ते को मजबूत करते हुए सामाजिक स्तर पर मान्यता देने के लिए विधि-विधान से विवाह किया। लिहाजा, अब तीनों परिवारों ने सहमति बनाकर इस विवाह को मंजूरी दी है। सोशल मीडिया पर इस शादी से जुड़े वीडियो वायरल हो रहे हैं, साथ ही शादी को लेकर काफी चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि राजस्थान का संभवतरू यह ऐसा पहला मामला है।
चट मंगनी पट ब्याह रचाया -बताया जा रहा है कि इस शादी के लिए बाकायदा कार्ड छपवाया गया। इसमें युवक के परिवार ने स्वयं के साथ युवतियों के पिता और गांव के नाम छपवाए। कोरोना गाइडलाइन के तहत शादी में बहुत कम लोग शामिल हुए। हालांकि, शादी से पहले पूरे गांव में इसे लेकर मंथन हुआ था। इसके बाद आनन-फानन में विवाह की तैयारी की गई। लॉकडाउन लागू होने से एक दिन पहले विवाह की रस्म पूरी कर ली गईं।