गर्भवती पत्नी संक्रमित हुई तो दो दिन अस्पताल फोन किया, फिर हाईजैक कर ली एंबुलेंस
विदिशा।कठिन परिस्थितियों में कई बार लोग बिना सही-गलत के बारे में सोचे चैंका देने वाले काम कर बैठते हैं। ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में भी हुआ। दरअसल, यहां एक शख्स ने अपनी गर्भवती पत्नी की कोरोना के कारण हालत बिगड़ते देख एंबुलेंस को ही बंधक बना लिया। सुनील कुशवाह ने अपनी आठ माह से गर्भवती पत्नी आरती कुशवाह को ऑक्सीजन वाले बेड में भर्ती न किए जाने पर एंबुलेंस को पहले घर पर बुलाया फिर तोड़फोड़ और आग लगाने की धमकी देकर उसे बंधक बना लिया। इतना ही नहीं, परिजनों ने पीड़ित महिला को स्वास्थ्य कर्मचारियों से एंबुलेंस में ही ऑक्सीजन लगवाई और ड्राइवर दीपक को अस्पताल नहीं जाने दिया।
जानकारी के मुताबिक यह मामला जिले के पुतली घाट क्षेत्र के मुखर्जी नगर का है। यहां रहने वाले सुनील कुशवाहा की गर्भवती पत्नी कोरोना संक्रमित हो गई। ऐसे में पत्नी के इलाज के लिए सुनील शुक्रवार (23 अप्रैल) की रात 11 बजे से मेडिकल कॉलेज को लगातार फोन लगा रहा था कि एंबुलेंस भेज दी जाए। हालांकि, पूरी रात एंबुलेंस नहीं आई। अगले दिन जब एंबुलेंस सुबह नौ बजे पहुंची तो कुशवाहा ने देखा कि उसमें ऑक्सीजन है। ऐसे में उसने अपनी गर्भवती पत्नी की हालत बिगड़ते देख एंबुलेंस को बंधक बना दिया।
एंबुलेंस के अटेंडर दीपक ने पुलिस को दी सूचना
एंबुलेंस के अटेंडर दीपक ने पुलिस को सूचना दी कि सुनील कुशवाहा नाम के शख्स ने लगभग दो घंटे से एंबुलेंस को हाईजैक किया हुआ है। उसने पुलिस को बताया कि कुशवाहा एंबुलेंस के कांच तोड़ने की बात कह रहा है। ऐसे में मौके पर पुलिस पहुंची और सुनील को समझाने-बुझाने के बाद उसी एंबुलेंस से उसकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती करवाया।
सुनील ने कहा, ‘मेरी पत्नी का ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा था। मैं शुक्रवार रात 11 बजे से एंबुलेंस को कॉल कर रहा था, एंबुलेंस दूसरे दिन शनिवार सुबह 9 .30बजे के बाद पहुंची। इसी बीच मैंने ग्यारसपुर में ऑक्सीजन सिलेंडर की कहीं से व्यवस्था भी कर ली और जब दूसरे दिन एंबुलेंस आई तो मैंने उसे रोककर ग्यारसपुर चलने को कहा, लेकिन वे नहीं गए। मेडिकल कॉलेज में मेरी पत्नी को भर्ती नहीं किया जा रहा था। इस वजह से ऐसा करना पड़ा।
सीएमएचओ का बयान-
विदिशा के सीएमएचओ ने कहा, आरती को ऑक्सीजन की जरूरत थी। इसी कारण सुनील ने 108 एंबुलेंस को रोक लिया था। मौके पर पुलिस को पहुंचाकर महिला के पति को समझाया गया। चूंकि महिला पीड़ित थी और उसे आक्सीजन की जरूरत थी, इसलिए अस्पताल में लाकर भर्ती कराया गया। परिजनों के खिलाफ केस दर्ज नहीं कराया गया है।