कमलाराजा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत पर मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर, जेएएच अधीक्षक से मांगा जवाब
ग्वालियर।ऑक्सीजन की कमी से जयारोग्य अस्पताल के कमलाराजा अस्पताल में नॉन कोविड मरीजों की मौत के मामले में मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर और जेएएच अधीक्षक से जवाब प्रतिवेदन मांगा है। साथ पूछा है कि जब 100 मीटर की दूरी पर ऑक्सीजन टैंकर रखा था इसके बाद भी वहां पहले से ऑक्सीजन के इंतजाम क्यों नहीं थे। इतनी मौत के लिए कौन जिम्मेदार है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने मानव अधिकार हनन के पांच मामलों में संज्ञान लेकर संबंधितों से प्रतिवेदन मांगा है। इसमें एक दिन पहले ग्वालियर में कमलाराजा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत का मामला है। इस खबर को मीडिया ने प्रमुखता के साथ उठाया था। जिसके बाद आयोग ने प्रदेश के पांच मामलों के साथ ग्वालियर के इस मामले को भी संज्ञान में लिया है। अब इस मामले में 3 मई 2021 तक कलेक्टर ग्वालियर और जेएएच अधीक्षक को अपना जवाब प्रतिवेदन पेश करना है। इसके बाद आयोग फैसला लेगा कि यहां किसकी लापरवाही थी।
यह था पूरा मामला-ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल परिसर में बने कमलाराजा चिकित्सालय में ऑक्सीजन खत्म होने से मंगलवार (27 अप्रैल) को पांच मरीजों की मौत हो गई। यह सभी नॉन कोविड पेशेंट थे और कमलाराजा चिकित्सालय की तीसरी मंजिल पर भर्ती थे। सुबह 11 बजे जब ऑक्सीजन फ्लो कम होने लगा, तो चिकित्सालय में अफरा-तफरी मच गई। जूनियर डाक्टरों और नर्स ने अम्बू बेग और दूसरे वार्ड से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाकर मरीजों की जान बचाने की कोशिश की, लेकिन एक घंटे में तीन मरीजों की सांसें टूट गईं। मरीजों की मौत के बाद उनके परिजनों का गुस्सा देखकर डॉक्टर और नर्स जान बचाकर वहां से भागे।
एम.पी. में ऑक्सीजन की कमी से फिर मौतें-ग्वालियर के सबसे बड़े अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म, टैंकर पहुंचने से पहले 3 मरीजों ने दम तोड़ा
गौरतलब है, जब मरीज मर रहे थे, उस वक्त ऑक्सीजन का टेंकर अस्पताल परिसर में ही खड़ा था। इस मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं अधीक्षक, जयारोग्य अस्पताल ग्वालियर से 03 मई 2021 तक प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने इन अधिकारियों से यह भी पूछा है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की पहले से व्यवस्था क्यों नहीं थी, यह भी स्पष्ट करें।