अफसर नाकाम, कार्रवाई धड़ाम, एक-एक लाख में बिक रहा रेमेडसिविर
झांसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों पर एनएसए के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है, मगर इसका किसी को कोई खौफ नहीं है। हाल ये है कि झांसी में तो रेमडेेसिविर इंजेक्शन एक-एक लाख रुपये में बिक रहा है। इंजेक्शन के नाम पर जनता के साथ लूट नहीं बल्कि डकैती की जा रही है। झांसी के बयान बहादुर अधिकारी एक भी कार्रवाई नहीं कर पाए हैं।
कोरोना संक्रमण काल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग तेजी से बढ़ी है। इंजेक्शन का जबरदस्त टोटा है और कालाबाजारी तो चरम पर चल रही है। अभी तक तो ये इंजेक्शन 30 से 40 हजार रुपये में बिक रहा था मगर अफसरों की नाकामी की वजह से अब इसकी कीमत एक-एक लाख रुपये पहुंच गई है। करगुवां जी मार्ग स्थित एक नर्सिंगहोम में भर्ती सदर बाजार निवासी कोरोना संक्रमित महिला के लिए परिजनों ने मंगलवार को एक लाख रुपये में इंजेक्शन खरीदा। दूसरा इंजेक्शन की भी जरूरत पड़ गई। परिजनों ने ब्लैक में इंजेक्शन खरीदने के लिए फिर संपर्क किया। स्थिति बताई कि अब उनके पास सिर्फ पचास हजार ही बचे हैँ। काफी गिड़गिड़ाने पर दूसरा इंजेक्शन पचास हजार में दिया गया। दोनों इंजेक्शन खरीदने में डेढ़ लाख रुपये खर्च हो गए, इसके बावजूद महिला की जान नहीं बच सकी।
इस तरह काम करता सिंडीकेट
एक-एक लाख रुपये का रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने वाले मरीज के परिचितों ने बताया कि उन्हें कहीं से एक नंबर मिला, जिस पर संपर्क करने पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था हो जाने की बात कही गई। इसके बाद परिजनों ने उस नंबर पर फोन किया तो मोटरसाइकिल से एक व्यक्ति आया। वह व्यक्ति सीधे करगुवां जी मार्ग स्थित नर्सिंगहोम में पहुंचा और मरीज के बारे में ब्योरा इकट्ठा किया। इसके बाद इंजेक्शन के पैसे भी एडवांस में ले लिए। आधे घंटे बाद वह फिर आया और इंजेक्शन देकर चला गया।
पीड़ित सीधे आकर शिकायत दर्ज कराए। मामले की गहनता से जांच की जाएगी। आरोप को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा। सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। – उमेश भारती, औषधि निरीक्षक।
धड़ल्ले से चल रहा कालाबाजारी करने वालों का नेटवर्क
दुखद यह है कि जिले में यह कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है, लेकिन यहां के अफसर इससे अनजान बने हुए हैं। वे सिर्फ बयानों तक ही सीमित हैं। कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देने में कोई भी अफसर पीछे नहीं है। हर मीटिंग में कालाबाजारी करने वालों और मरीजों को सुविधा न देने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी जाती है। मीटिंगों में अफसरों के तेवरों से तो ऐसा लगता है कि एक दो दिन में कार्रवाई जरूर करेंगे, लेकिन इसके बाद सब चुप्पी साध लेते हैं। अफसरों की इसी कार्यप्रणाली का कालाबाजारी करने वाले खूब फायदा उठा रहे हैं। झांसी के कुछ नामचीन मेडिकल स्टोर के संचालक धड़ल्ले से पूरा नेटवर्क चला रहे हैं। कई चिकित्सकों से इनकी सेटिंग है। इन लोगों के एजेंट मेडिकल कालेज से लेकर नर्सिंग होमों तक पकड़ बनाए हुए हैं। हैसियत देखकर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की कड़ी चेतावनी के बाद भी अफसरों की निष्क्रियता से यह इंजेक्शन की कालाबाजारी में कीमत एक लाख तक पहुंच गई है।
अब भी समय है कार्रवाई करो
झांसी में एक नहीं दर्जनों लोग कालाबाजारी में इंजेक्शन खरीद रहे हैं। जिला और पुलिस प्रशासन को सक्रिय होना चाहिए। एलआईयू के अलावा पुलिस की अन्य इकाई को सक्रिय करना चाहिए। ऐसे लोगों को तलाशकर इस नेटवर्क को ध्वस्त करना चाहिए। इस संकट के दौर में लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने वालों को सामने लाना चाहिए। अब भी समय है अफसर यदि सक्रिय होते हैं तो पूरा नेटवर्क एक दिन में पकड़ा जा सकता है। यह तय है कि इस नेटवर्क में कई बड़े लोग शामिल हैं।