मरने के बाद अपनों ने छोड़ा साथ, पुलिस ने आगे बढ़ाया हाथ, कंधा देकर किया अंतिम संस्कार
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सिद्धार्थनगर ।जिले के त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के मल्हवार गांव में शनिवार को पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश की। एक युवक की मौत के बाद कोरोना के भय से परिजन उसकी अंत्येष्टि करने से पीछे हट गए। घर में 14 घंटे तक शव पड़ा रहा और परिवार के लोग कुछ दूरी पर रोते रहे। दहशत ऐसी कि गांव के कुछ लोग भी अपने घर के दरवाजे व खिड़की से झांकते नजर आए, जबकि युवक के इलाज के दौरान कोरोना संक्रमण की जांच नहीं हुई थी। पुलिस को खबर लगी तो दस पुलिस कर्मियों ने शव को कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया और जेसीबी की मदद से खुद अंत्येष्टि कर दी।
कोरोना संक्रमण से सतर्कता और जानकारी के अभाव में गांव के लोगों ने चंद्रशेखर की अंत्येष्टि में शामिल होने की हिम्मत नहीं जुटाई। उसके भाई, पत्नी और दो बच्चे भी कुछ दूर जाकर सिसक रहे थे। घर में रात नौ बजे उसकी मौत हुई और सुबह 11 बजे तक शव जहां था, वहीं पड़ा था। किसी ने पुलिस को सूचना दी तो प्रभारी निरीक्षक रणधीर मिश्रा मय फोर्स मौके पर पहुंचे। उन्होंने चंद्रशेखर के भाई की मदद से अंत्येष्टि कराई।
सबसे पहले बांध दिया चेहरा
प्रभारी निरीक्षक रणधीर मिश्रा ने बताया कि गांव में कोई युवक का शव उठाने को तैयार नहीं था इसलिए पुलिस को आगे आना पड़ा। उन्होंने सभी दस पुलिस कर्मियों को थ्री लेयर मास्क, ग्लब्स पहनाकर तैयार करके सैनिटाइज कराया। उसके बाद डॉक्टर की राय के अनुसार सबसे पहले मृतक का चेहरा डबल लेयर प्लास्टिक से बांध दिया। उसके बाद सैनिटाइजर का उपयोग करके शव को कफन पहना दिया। तीन लोगों के हाथ में सैनिटाइजर था, जो सभी पुलिस वालों को बार-बार सैनिटाइज कर रहे थे। चंद्रशेखर के भाई ने पुलिस के समझाने पर सतर्कता बरतते हुए सहयोग किया।
एम्बुलेंस से पहले पहुंची मौत-त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के मल्हवार गांव निवासी चंद्रशेखर चतुर्वेदी (32) करीब 15 दिनों से सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार से बीमार था, परिजन उसे घर पर ही रख कर काढ़ा, दवा आदि उपचार कराते रहे। शुक्रवार की रात करीब नौ बजे उसकी अचानक तबीयत बिगड़ी। सांस लेने में तकलीफ होने के बाद परिजनों ने 108 पर फोनकर एंबुलेंस की सहायता मांगी। जब तक एंबुलेंस पहुंची, तब तक चंद्रशेखर चतुर्वेदी की मौत हो गई।
25 अप्रैल को थी घर में शादी
चंद्रशेखर के छोटे भाई की शादी 25 अप्रैल को थी। शादी में परिवार और रिश्तेदार शामिल हुए थे। पुलिस ने परिवार के लोगों को समझाया कि वे अपनी सेहत का ध्यान रखें। कोरोना संक्रमण से घबराने की बजाए सतर्कता बरतें। शरीर में कोई तकलीफ होती है तो सकारात्मक रहते हुए इलाज कराएं।