दिल के अरमा आंसुओं मेंबह गए, अचानक शादियां रुकने से परिवार परेशान
ग्वालियर।मई माह के 14 दिनों में शादियों के अच्छे मुहूर्त थे। लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से अचानक शादियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में वे दूल्हे-दुल्हन और अभिभावक परेशान हैं, जिनके यहां शादी की ज्यादातर रस्में हो गईं हैं, वरमाला और फेरे ही रह गए हैं।
ऐसे में वह क्या करें, शादी को स्थगित कैसे करें। इसको लेकर कुछ अभिभावकों ने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया। इस पर अफसरों का कहना था कि वह इस संबंध में लिखित आदेश नहीं दे सकते हैं।
ज्ञात रहे अप्रैल और मई माह में शादी का मुहूर्त निकलवाने वाले लोग शुरुआत से ही परेशान हैं। मुहूर्त 22 अप्रैल से शुरू हुए थे। इसके कुछ दिन बाद ही प्रशासन ने मैरिज गार्डन में शादियां करने पर प्रतिबंध लगा दिया। शादियों के आयोजकों ने आनन-फानन में होटल के हॉल बुक किए। कुछ लोगों की शादियां तो होटलों में हो गईं।
इसके बाद मई में होने वाली शादियों के लिए भी होटल बुक किए गए थे। लेकिन अब शादियों पर प्रतिबंध हैं। ऐसे परिवार जिनके यहां 12 मई के बाद शादियां हैं वह तो स्थगित कर रहे हैं और नए मुहूर्त पूछ रहे हैं। लेकिन जिनके यहां पर हल्दी की रस्म हो चुकी है, मंडप की तैयारियां की जा रही हैं ऐसे परिवार असमंजस में हैं। अखिल भारत हिंदू महासभा ने कलेक्टर तथा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वर्तमान में कोरोना महामारी से निपटने के प्रशासन के तौर तरीकों तथा असंगत आदेशों पर गहरी आपत्ति जताई है।
कुछ समझ में नहीं आ रहा है क्या करूं
गोल पहाड़िया पर रहने वाले हरीसिंह कहते हैं उनके बेटे को हल्दी लग चुकी है, बहू की हल्दी की रस्म हो चुकी हैं। परिवार में मंडप की तैयारियां चल रही हैं। ऐसे में शादी कैसे होगी, कुछ समझ में नहीं आ रहा हैै। अधिकारियों से बात भी की लेकिन कोई हल नहीं निकला।
दूल्हे को वधू के घर भेजकर होंगी रस्में पूरीरू हल्दी और मंडल के रस्म के बाद जिन परिवारों में शादियों पर संकट आ गया है, अब वह ऐसी तैयारी भी कर रहे हैं कि अकेले दूल्हे को परिवार के किसी एक व्यक्ति के साथ वधू के घर पहुंचाएं और शादी की अन्य रस्में पूरी करवा दें।