मजिस्ट्रेट बताकर रोकी गाड़ी , थाना पर चलने के बहाने 60 हजार कैश व मोबाइल लेकर फरार
पटना।लॉकडाउन के दूसरे दिन ही पटना में गजब का कांड हो गया है। जिंस, शर्ट और बूट पहनकर अधिकारी की तरह दिखने वाले एक शख्स ने खुद को मजिस्ट्रेट बताकर माल ढ़ोने वाली गाड़ी को रोका। उसके अंदर बैठे ड्राइवर समेत दो लोगों को जमकर हड़काया। दोनों की खूब पिटाई भी की। उनके पास से अनाज के कलेक्शन के 60 हजार रुपए, मोबाइल, ।ज्ड कार्ड समेत महत्वपूर्ण कागजात ले लिए। इसके बाद थाना चलने को कहा। बगल के थाने में नहीं, बल्कि 5-6 किलोमीटर दूर दूसरे थाने में चलने को कहा। थाना पहुंचने से पहले ही खुद को मजिस्ट्रेट बताने वाला शख्स गाड़ी से उतर गया। उसने ड्राइवर को धमकाया। गाली-गलौज की। इसके बाद फरार हो गया। यह घटना मालवाहक गाड़ी चलाने वाले खुसरूपुर के गोविंदपुर के रहने वाले युवराज कुमार और उसके गाड़ी मालिक के रिश्तेदार धीरज कुमार के साथ घटी है।
एफ.आइ.आर.कराने के लिए भटक रहे हैं दोनों-युवराज के अनुसार वह धीरज के साथ पटना सिटी के रानीपुर खिड़की इलाके से लौट रहा था। वहां वह मकई के भूंजा की खेप को अनलोड करके और कैश लेकर शास्त्रीनगर लौट रहा था। अगमकुआं त्व्ठ से धनुकी मोड़ की तरफ जैसे ही गाड़ी उतरी, वैसे ही अधिकारी की तरह दिखने वाले शातिर ने हाथ दिया। उसने गाड़ी रोक दी। इसके बाद खुद को मजिस्ट्रेट बता चेकिंग करने लगा।
मोइनुल हक स्टेडियम गोलंबर के पास उतर गया शातिर-खुद को मजिस्ट्रेट बताने वाला युवक अकेला ही था। उसके साथ कोई भी दूसरा शख्स नहीं था। उसने मारपीट करके धीरज को वहीं पर उतार भी दिया था। कैश, मोबाइल, सारे कागजात उसने पहले ही अपने पास ले लिए। सीधे उन्हें वह बाजार समिति थाना चलने को कहा। लेकिन, मोइनुल हक स्टेडियम गोलंबर के पास पहुंचते ही खुद गाड़ी से उतर गया। वहां पर भी मारपीट की और फिर गाड़ी को गोलंबर से घुमाने को कहा। गाड़ी जैसे ही आगे बढ़ी, वह वहां से भाग गया।
तीन थानों में शिकायत, कंप्लेन किसी ने नहीं सुनी-इस मामले में अगमकुआं, कदमकुआं और बाजार समिति थाने की पुलिस से कंप्लेन की गई, लेकिन किसी ने शिकायत सुनी ही नहीं। गाड़ी के मालिक धनंजय कुमार कुमार ने बताया कि पुलिस ने कुछ सुना ही नहीं। लिखी हुई कंप्लेन की कॉपी कदमकुआं थाना में दे दिए हैं, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।