पहले प्रशासन ने दरवाजे से लौटाई बरात लड़की के मेडिकल से साबित हुआ कि बालिग है फिर हुए फेरे
मुरैना।दरवाजे पर बारात आई, तो निशा खुशी से फूली नहीं समा रही थी। संग-सहेलियां उसके साथ ठिठोली कर रही थीं। वह बार-बार सहेलियों से कर रही थी। इसी बीच किसी ने कहा कि दरवाजे पर पुलिस आई है। कह रही है कि शादी नहीं हो सकती। लड़की अभी नाबालिग है। यह सुनते ही निशा के चेहरे से हंसी काफूर हो गई। बाद में मेडिकल कराने के बाद पता चला कि वह बालिग है। इसके बाद लड़की के फेरे करवाए गए।
घटना 30 अप्रैल की मुरैना की पोरसा तहसील के ग्राम खरगोले का पुरा की हैै। यहां निशा की शादी जोटई गांव के लड़के से की जा रही थी। शिकायत के बाद एसडीएम व तहसीलदार पुलिस लेकर पहुंचे। बोले- नाबालिग लड़की की शादी नहीं हो सकती। निशा के पिता ने बताया भी कि लड़की नाबालिग नहीं है, लेकिन अफसर नहीं माने। सबूत के तौर पर निशा का आधार कार्ड व अंकसूची मंगवाई। इसके अनुसार निशा की उम्र 17 साल, 8 महीने हो रही थी।
इसलिए कम हो गई एक साल-निशा के पिता महेश त्यागी खेती-बाड़ी करके जैसे-तैैसे घर का गुजारा करते हैं। निशा पढ़ने में होशियार थी, लेकिन हाईस्कूल के पेपरों के दौरान बीमार पड़ गई। नतीजा, पेपर बिगड़ गए और वह फेल हो गई। पिता ने भविष्य का सोचकर हाईस्कूल का दोबारा फार्म भरा तो उसमें, एक साल उम्र कम लिखवा दी।
जिस समय उम्र कम लिखवाई थी, उसके पिता ने नहीं सोचा होगा कि यह सबसे बड़ी भूल होगी। निशा ने दोबारा हाईस्कूल के पेपर दिए और अच्छे नंबरों से पास हो गई। उसके बाद उसने आगे की पढ़ाई की। बात आई-गई हो गई। बाद में पिता ने पास के ही जोटई गांव में उसकी शादी तय कर दी।
सामने आया समाज
समाज के अंबाह व पोरसा के अध्यक्ष विजयराम त्यागी समाज के कुछ लोगों के साथ महेश त्यागी के यहां पहुंचे। अफसरों से कहा कि निशा बालिग है, हम उसकी शादी नहीं रुकने देंगे।
दूसरे दिन विजयराम त्यागी, निशा व उसके पिता प्रशासन के अफसरों की उपििस्थत में जिला अस्पताल मुरैना पहुंचे। यहां बाल कल्याण समिति के समक्ष निशा को प्रस्तुत करके उसका मेडिकल कराया। मेडिकल के दौरान डॉक्टरों के बोर्ड ने साबित कर दिया कि निशा की उम्र 19 वर्ष है।
इसके बाद प्रशासन के अधिकारी भी मुंह ताकते रह गए। 1 मई, उसी दिन निशा को वापस गांव लाकर उसकी धूम-धाम से शादी कराई गई। निशा हंसते-मुस्कराते पति के संग ग्राम जोटई विदा हो गई।