कोरेाना से मौत के सरकारी व अखबार के आंकड़ों में अंतर क्यों,हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
ग्वालियर.। हाई कोर्ट की युगल पीठ ने शासन से पूछा है कि मौत के सरकारी व प्रिंट मीडिया में जो आंकड़े प्रकाशित हो रहे हैं, उनमें अंतर क्यों है। कहां चूक हो रही है। इसके संबंध में स्पष्टीकरण दिया जाए। साथ ही भिंड, दतिया व श्योपुर में सीटी स्केन मशीन कब तक स्थापित होगी। इसके संबंध में सात दिनों में रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने पूर्व में आदेश दिए हैं,उनका कड़ाई से पालन किया जाए। इस याचिका को हाई कोर्ट में लंबित मूल याचिका के साथ जोड़ दिया गया। याचिका की सुनवाई जबलपुर में मुख्य न्यायाधीश की बैंच ने की थी।
तरूण सिंह कुशवाह ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। यह याचिका जबलपुर स्थानांतरित हो गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजा शर्मा ने तर्क दिया कि कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है। मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। निजी अस्पतालों का इलाज काफी महंगा हो गया है। सरकार के जिन पोर्टल में मौत के आंकड़े दर्ज हो रहे हैं, उनमें अंतर है। ग्वालियर में 16 मई को 20 लोगों की कोविड प्रोटोकाल में अंतिम संस्कार किया गया था, लेकिन मौत सिर्फ 6 घोषित की। भिंड, दतिया, श्योपुर में सीटी स्केन मशीनें नहीं हैं। इसके चलते लोगों को परेशानी हो रही है। 19 अप्रैलको कोर्ट ने जो आदेश दिए थे, उनके भी पालन नहीं हो रहे हैं। याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने महाधिवक्ता से सवाल किया कि कोविड की जांच के लिए सीटी स्कैन अहम जांच है। इन्हें स्थापित करने के निर्देश दिए। जब कोविड खत्म हो जाएगा, तब इन मशीनों को लगाएंगे। महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करने के लिए समय ले लिया। साथ ही मौत के आंकड़ोें पर कोर्ट ने प्रश्न चिह्न खड़ा किया था, उस पर वास्तविक स्थिति पता करने की बात कही गयी है।