अब आटो चालकों ने खोला मोर्चा, दो सवारियों के साथ चलने की दी जाए इजाजत
ग्वालियर.। कोविड कर्फ्यू के दौरन आटो व ई रिक्शा को बंद किए जाने के फैसले के खिलाफ चालकों ने मोर्चा खोल दिया है। भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ के पदाधिकारियों ने कलेक्टर, सांसद व भाजपा के पदाधिकारियों को अपनी समस्या से अवगत कराया। जब ट्रेन व हवाई जहाज चल रहे हैं। आफिस खुले है। लोगों को इलाज के लिए अस्पताल भी जाना है। ऐसी स्थिति में आटो व ई रिक्शा को बंद नहीं रखा जा सकता है। इन्हें दो सवारियों के साथ चलने की अनुमति दी जाए। कलेक्टर ने दो दिन में उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए 7 मई को कोविड कर्फ्यू का नया आदेश निकाला गया था। इस आदेश के तहत सार्वजनिक यात्री वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यदि कोई यात्री फोन करके बुलाता है तो तभी वह बाहर निकलेगा। जिस यात्री को बिठाए है, उसे ट्रेन या हवाई जहाज का टिकट साथ रखना होगा। लंबे समय से आटो बंद थे। स्थिति को देखते हुए आटो सड़कों पर दौड़ने लगे थे। गत दिवस गोला का मंदिर क्षेत्र में पुलिस ने आटो को जब्त कर थाने में रख दिया था।शहर के अलग-अलग इलाकों में भी आटो पर कार्रवाई हुई। इस कार्रवाई के चलते आटो चालक अपनी समस्या जिम्मेदार अधिकारियों को बता रहे हैं। भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह कुशवाह ने कलेक्टर को आटो चालकों की समस्या से अवगत कराकर 2 सवारियों के साथ आटो को चलने की इजातत मांगी है।
यह समस्याएं बताई महासंघ ने- शहर में कोविड कर्फ्यू का संक्रमण बरकरार है। लोगों को इलाज के लिए अस्पताल या डाक्टर के यहां जाना पड रहा हैं, लेकिन रास्ते में पुलिस उन्हें पकड़ लेती है।
- अफिस चालू हैं। लोगों का आफिसों में आना-जाना है। इन लोगों को भी आटो की जरूरत पड़ रही है।
- आटो नहीं मिलने से लोगों को परेशानी हो रही