ग्वालियर-चंबल अंचल

जिस लोटस अस्‍पताल का पंजीयन निरस्‍त, उसी भवन में नया पंजीयन हुआ


ग्वालियर.।ग्वालियर में निजी अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग दोनों ही गजब हैं। जिस लोटस अस्पताल ने कोविड नियमों के तहत इलाज नहीं किया, मेडिकल वेस्ट खुले में फेंका और महिला मरीज से दुष्कर्म का प्रयास किया गया, उसका नाम बदल गया है। नाम बदलकर इस अस्पताल को खुद स्वास्थ्य विभाग ने स्टार अस्पताल बना दिया है। इसी अस्पताल ने शहरभर को बदनाम कर दिया था। वहीं यही नहीं बल्कि छापेमारी के बाद पंजीयन निरस्त होने वाले अस्पतालों में न्यू लाइफ केयर का भी यही हाल है। यहां दोबारा जांच में पंजीयन निरस्त के बाद भी पांच नए मरीज मिले और आइपीडी चलाई जा रही थी। उधर वैष्णवी अस्पताल में मरीज को जबरिया डिस्चार्ज किया, मौत हुई, लेकिन नोटिस देकर विभाग भूल गया। हकीकत में जिन-जिन अस्पतालों पर कार्रवाई हुई, वहां नियम कायदों को परखने के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने पलटकर नहीं देखा है।
लोटस अस्पताल- पूरे शहर को बदनाम किया, अब नए नाम से खुला
हॉस्पिटल रोड स्थित लोटस अस्पताल में कुछ दिन पहले ही कोविड केयर सेंटर में मामला सामने आया था। यहां एक महिला के साथ अस्पताल के ही कर्मचारी ने दुष्कर्म का प्रयास किया था। इस कारण कोविड के पीक संक्रमण के दौरान पूरे शहर की छवि खराब हुई। स्वास्थ्य विभाग ने जांच की और नोटिस जारी किया गया। जांच केबाद पंजीयन निरस्त कर दिया था। अब लोटस अस्पताल ने स्टार अस्पताल के नाम से नया पंजीयन करा लिया और लोटस के बोर्ड के आगे काला कपड़ा लगा दिया है। वही व्यवस्थाएं और वही सब, लेकिन नाम बदलने से क्या सब बदल गया, यह स्वास्थ्य विभाग के सामने सवालिया निशान है।
न्यू लाइफ दोबारा हुई जांच, आउटडोर में मिले मरीज-शिंदे की छावनी स्थित न्यू लाइफ अस्पताल में कुछ दिनों पहले हुई छापामार कार्रवाई में अवैध रूप से कोविड मरीज भर्ती मिले थे, क्योंकि यह अस्पताल कोविड केयर में पंजीबद्व नहीं था। यहां बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण नहीं मिला और आंगन में मरीज पड़े मिले थे। जांच के बाद तत्काल न्यू लाइफ अस्पताल का पंजीयन निरस्त कर डा.संजीव थरेजा को नोटिस दिया गया। मरीजों को शिफ्ट कर संचालन बंद करने को कहा गया। कुछ दिनों बाद फिर जांच कराई तो आउट डोर मरीज भर्ती मिले। न्यू लाइफ अस्पताल में कार्रवाई के बाद भी मरीज भर्ती किए जा रहे थे। पांच मरीज भर्ती थे और ओपीडी चल रही थी।
सुविधा अस्पताल एक मरीज, डॉक्टर कोई नहीं-सुविधा अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी कर जांच की। यहां कोई रिकॉर्ड मेंटेन नहीं मिला था और व्यवस्थाएं गड़बड़ मिली थीं। स्वास्थ्य विभाग ने जांच की और नोटिस जारी किया। नोटिस तो जारी किया, लेकिन इसके बाद पलट कर नहीं देखा कि वहां क्या स्थिति है। रविवार को यहां न तो कोई डॉक्टर था न स्टाफ दिख रहा था। एक ही मरीज अस्पताल में भर्ती मिला था।
वैष्णवी अस्पताल जबरिया रेफर से हुई थी मौत, नोटिस के बाद साधी चुप्पी-गुड़ा गुड़ी का नाका स्थित वैष्णवी अस्पताल में कुछ दिन पहले कोविड पाजिटिव मरीज भूपेंद्र सिंह कुशवाह को जबरिया रेफर कर दिया गया था। मरीज को रेफर करने के बाद सुपर स्पेशियलिटी में पहुंचते ही मरीज ने दम तोड़ दिया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जरूर दिया, लेकिन फिर कोई कार्रवाई नहीं की। अब भी वैष्णवी अस्पताल धड़ल्ले से संचालित है। नोटिस के बाद खुद स्वास्थ्य विभाग चुप्पी साध गया।
लोटस का नया पंजीयन हुआ-लोटस अस्पताल ने नए पंजीयन के लिए आवेदन दिया था तो उनका नया पंजीयन कर दिया है। वहां अब नान कोविड मरीज भर्ती होते हैं। न्यू लाइफ अस्पताल में पंजीयन निरस्त के बाद भी दोबारा मरीज भर्ती मिले हैं, कार्रवाई की जा रही है।
-डा.मनीष शर्मा, सीएमएचओ, ग्वालियर

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