डोनाल्ड ट्रंप ने जिस दवा से कोरोना को मात दी, वह जेएएच में आई
ग्वालियर। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस दवा की मदद से कोरोना को हराया था, अब वही दवाई ग्वालियर के सरकारी जयारोग्य अस्पताल में आ गई है। इस दवा की कीमत तकरीबन 59 हजार रुपये बताई जा रही है। एंटीबॉडी कॉकटेल नामक दवा को सिप्ला और रोश फार्मा कंपनी द्वारा बनाया गया है। इसके एक वायल में दो डोज हैं। ऐसे 50 वायल ग्वालियर में भेजे गए हैं। यह एंटीबॉडी कॉकटेल दो दवाइयां कैसिरिविमैब और इमदेविमैब के मिश्रण से तैयार हुई है। वयस्कों के साथ ही 12 साल से ज्यादा उम्र और 40 किलोग्राम से अधिक वजन वाले बच्चों के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। प्रदेश स्तर पर फिलहाल इसके इस्तेमाल की गाइडलाइन नहीं बनी है, लेकिन कंपनी के अनुसार यह दवा माइल्ड और मॉडरेट कोरोना मरीज को दी जा सकती है। भारत में इसके दो लाख वायल आ चुके हैं। जून के मध्य तक इसकी खेप भारत आ जाएगी।
जीआर मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा.अजय पाल का कहना है कि यह एक एक्सपेरिमेंटल थेरेपी है। अभी इसकी गाइडलाइन भी जारी नहीं हुई है। इस दवा का प्रयोग हल्के व मध्यम कोरोना संक्रमित व्यक्ति पर किया जाएगा। इसमें मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है, जो इंजेक्शन के माध्यम से बाहर से दी जाएगी। जो संक्रमण को हराने में शरीर के अंदर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का साथ देगी। यह सार्स कोविड-2 की पुष्टि होने वाले मरीज को दी जाएगी, जिससे वह कोविड-19 के गंभीर संक्रमण से बच सकेगा।
दो दवाओं का मिश्रण है एंटीबॉडी कॉकटेलः एंटीबॉडी कॉकटेल दवा दो दवाओं का मिश्रण है। 12 एमजी की एक मिश्रित डोज तैयार की गई है। कैसिरिविमैब की 600 एमजी और इमदेविमैब की 600 एमजी को मिलाकर तैयार किया गया है। जिसकी कीमत 59,750 रुपये निर्धारित की गई है। इस तरह की दो डोज वाली एक वायल की कीमत एक लाख 19 हजार 500 रुपये है।
देश के प्रमुख अस्पतालों को मिली दवाः यह दवा देश के प्रमुख अस्पताल और कोविड उपचार केंद्रों को दी गई है। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने हाल ही में भारत में इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। इससे पहले अमेरिका और यूरोपिय संघ के देशों में इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। इस दवा के प्रयोग से उम्मीद की जा रही है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आएगी और स्वास्थ्य व्यवस्था से बोझ घटेगा।