अमिताभ बच्चन, को सुपरस्टार बनाने बाले सलीम-जावेद की जोड़ी टूटने का कारण भी बने थे अभिताभ
बॉलीवुड की जानी-मानी डायरेक्टर जोया अख्तर सलीम-जावेद की दोस्ती और उनकी फिल्मोग्राफी पर एक डाक्यूमेंट्री बनाने जा रही हैं। इस बात की पुष्टि खुद सलीम खान ने की है। आपको बता दें कि सलीम-जावेद की जोड़ी ने बतौर राइटर सिनेमा को करीब 22 फिल्में दीं। इनमें से आधी से ज्यादा अमिताभ बच्चन के साथ हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो अमिताभ का कैरियर संवारने में इस जोड़ी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस जोड़ी के टूटने की वजह अमिताभ बच्चन ही बने थे।
जब अमिताभ बच्चन ने कर दिया दोनों को मायूस-जर्नलिस्ट अनिता पध्ये ने अपनी मराठी बुक यही रंग यही रूप में सलीम-जावेद के प्रोफेशनल ब्रेकअप की कहानी लिखी है। उन्होंने लिखा है, राइटर जोड़ी ने अमिताभ बच्चन को एक फिल्म की स्क्रिप्ट के साथ अप्रोच किया, जो बाद में मि. इंडिया नाम से बनी। अमिताभ को अदृश्य इंसान वाला यह कॉन्सेप्ट पसंद नहीं आया और उन्होंने यह कहते हुए फिल्म करने से इनकार कर दिया कि लोग उन्हें पर्दे पर देखने आते हैं, सिर्फ आवाज कौन सुनना चाहेगा। सलीम-जावेद अमिताभ के पास इस भरोसे के साथ गए थे कि उनकी आवाज फिल्म के लिए परफेक्ट रहेगी। लेकिन अमिताभ ने उनकी उम्मीदों पर पारी फेर दिया था।
बुक के मुताबिक, जावेद को लगा कि इस बेइज्जती के बाद उन्हें और सलीम को बिग बी के साथ काम नहीं करना चाहिए। लेकिन सलीम खान उनकी इस बात से पूर्ण रूप से सहमत नहीं थे। कुछ दिनों बाद जावेद अमिताभ की होली पार्टी में पहुंचे और उनसे कहा कि सलीम खान उनके साथ कभी काम नहीं करना चाहते। इस गलत फहमी की वजह से जोड़ी के कामकाजी रिश्ते बिगड़ गए और दोनों ने फिर कभी साथ काम नहीं किया। वहीं, जब अमिताभ ने ऑफर ठुकरा दिया तो फिल्म मिस्टर इंडिया अनिल कपूर के खाते में गई। मिस्टर इंडिया 1987 की सुपरहिट फिल्मों में से एक है।
सलीम-जावेद ने ये फिल्में अमिताभ के लिए लिखीं-अमिताभ बच्चन 1973 की जिस फिल्म से रातोंरात सुपरस्टार बन गए और एंग्री यंगमैन के रूप में उनकी पहचान बनी थी, वह जंजीर भी सलीम-जावेद ने ही लिखी थी। कहा यहां तक जाता है कि सलीम-जावेद की सिफारिश के बाद ही प्रकाश मेहरा ने अमिताभ को इस फिल्म के लिए कास्ट किया था। श्जंजीरश् के अलावा अमिताभ की मजबूर (1974), दीवार (1975), शोले (1975), ईमान धर (1977)। त्रिशूल (1978), डॉन (1978), काला पत्थर (1979), दोस्ताना (1980), शान (1980) और शक्ति (1982) भी सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखी हैं।