क्राइम

साइबर फ्राॅड का हब बन गया कतरीसराय,


बिहारशरीफ,। कभी आयुर्वेद के जानकार वैद्यों के नाम से ख्यात नालंदा का कतरी सराय अब साइबर फ्रॉड करने वाले गैंग के कारण कुख्यात हो गया है। यही कारण है कि झारखंड के जामताड़ा के बाद नालंदा का कतरीसराय सभी राज्यों की पुलिस की निशाने पर होती है। आए दिन यहां मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान की पुलिस साइबर ठगों की तलाश में आती रहती है। पिछले 26 मई को भी दिल्ली-एनसीआर में ऑक्सीजन सिलिंडर की डिलीवरी के नाम पर कई लोगों से लाखों के साइबर फ्रॉड के मुख्य आरोपी मानपुर थाना क्षेत्र के पलनी गांव निवासी छोटू चैधरी गैंग के दो बदमाशों को दिल्ली पुलिस कतरीसराय निवासी दीपक कुमार व राजेश कुमार को गिरफ्तार कर साथ ले गई।
ठगी का खेल वही, सिर्फ हाईटेक हुआ धंधा-2012 के बाद 2019 में हुई थी बड़ी कार्रवाई-वर्ष 2012 में हुई बड़ी छापेमारी के दौरान यहां से 62 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उस दौरान भारी मात्रा में नकली काम वर्द्धक दवाओं के अलावा अन्य आपत्तिजनक सामान भी बरामद हुआ था। बाद में जितने भी पुलिस कप्तान आए। उन्होंने इस गिरोह के नेटवर्क को तोडने की कोशिश की लेकिन इसे पूरी तरह ध्वस्त नहीं कर पाए। सूत्रों की मानें तो पुलिस के हाथ ठगी के समंदर के बड़े माफिया तक नहीं पहुंच सके हैं। हालांकि 2019 में नालंदा पुलिस ने दो साइबर ठगों को 18 लाख 23 हजार रुपए के साथ गिरफ्तार किया था।

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