पंचायत के भ्रष्ट अफसर के खिलाफ एकजुट सरपंच,कमीशन खोर ए.ई.को हटाने की मांग की
भिण्ड।जिले के पंचायतों में विकास कार्य कराए जाने की जिम्मेदारी जिला पंचायत विभाग के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अफसरों को दी गई है। इस विभाग के उप अभियंता एवं प्रभारी एई सरपंचों से हर पंचायत में विकास कार्यों की फाइल स्वीकृति से लेकर कार्य पूरा होने तक कई बार कमीशन लेता है। यह शिकायत सरपंचों की ओर से जिला पंचायत सीईओ से की गई है। यह शिकायत लेकर सरपंच जिला पंचायत सीईओ के पास पहुंचे और ऐसे कमीशन खोर अफसर को तत्काल पद से हटाने की मांग की।
बीती रोज जिला पंचायत सीईओ जे.के.जैन से मिलने खरौआ ग्राम पंचायत के सरपंच, एंचाया के सरपंच, सचिव और बरथरा ग्राम पंचायत के सरपंच पहुंचे। यहां इन्होंने आरईएस के प्रभारी एई आशुतोष श्रीवास्तव के खिलाफ लिखित में शिकायती आवेदन दिया। इस शिकायत में सीधे तौर पर आरोप लगाया गया कि प्रभारी ए.ई.द्वारा ग्राम पंचायत के विकास कार्यों की तकनीकी स्वीकृति के बदले तीन प्रतिशत कमीशन राशि की मांग की जाती है। कमीशन पहले न मिलने पर फाइल को रोक दिया जाता है, इस वजह से पंचायत में निर्माण कार्य ठप हो जाते हैं।
अपने बेटे को भी दी काम की जिम्मेदारी-इसी समय सरपंचों ने यह भी आरोप लगाया है कि आशुतोष श्रीवास्तव ने आर ई एस कार्यालय में अपने पुत्र को कार्य सौंपे हुए है। उनका बेटा यहां आकर फाइलों को निपटाता है। काम पूरा न होने पर सरपंच व सचिवों के खिलाफ एक्शन भी लेता है। इस तरह प्रभार्री ए.इ. के बेटे के पास भी फाइलें रोकने का अधिकार मिला है।
कमीशन खोरी को लेकर की शिकायत-एचाया के सरपंच पति राकेश परिहार का कहना है कि दो प्रतिशत से पांच फीसदी कमीशन प्रभारी ए.ई. आशुतोष श्रीवास्तव मांगता है। इस वजह से विकास कार्य नहीं हो सका। प्रभारी एई की वजह से मेरी पंचायत जोरी हो गई है। इस मामले में मैं, सचिव और खरौआ सरपंच सहित अन्य सरपंच सीईओ जिला पंचायत से मिले थे। इस मामले में शिकायत की है।
जिला पंचायत सीईओ बोले- दो तीन सरपंच आए थे,
जिला पंचायत सीईओ जे.के. जैन का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने आर.ई.एस विभाग को निर्देशित कर दिया है कि तकनीकी स्वीकृति दिलाई जाए। प्रभारी ए.ई.आशुतोष श्रीवास्तव के खिलाफ जांच कराई जाएगी।