ग्वालियर में जूनियर डॉक्टर्स काम पर लौटे, भोपाल-इंदौर जबलपुर और रीवा में हड़ताल पर अड़े
आज हाईकोर्ट में अवमानना याचिका पर सुनवाई ग्वालियर।सरकार और जूनियर डॉक्टरों के बीच रविवार को भले ही सुलह नहीं हो सकी है, लेकिन जूनियर डॉक्ट
ग्वालियर।सरकार और जूनियर डॉक्टरों के बीच रविवार को भले ही सुलह नहीं हो सकी है, लेकिन जूनियर डॉक्टर्स में फूट पड़ गई है। हड़ताल के 8वें दिन ग्वालियर में जूनियर डाॅक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली। वे काम पर लौट आए, जबकि इंदौर, भोपाल, जबलपुर और रीवा में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर अड़े हुए हैं। इस बीच आज जबलपुर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका पर सुनवाई होनी है। सरकार जूडा पर कार्रवाई की मांग करेगी।
मध्यप्रदेश में 5 से अधिक मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल में सुलह नहीं हो सकी थी। जूनियर डॉक्टर और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की मुलाकात के बाद भी हड़ताल खत्म नहीं हुई। जूडा ने तीन और मांगे जोड़ दी हैं। जूडा सेमंत्री ने कहा, हमने जूडा की मांगें पहले ही मान ली हैं। जूडा हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान कर हड़ताल वापस ले और काम पर लौटे। वही, मंत्री से मिलने के बाद मध्यप्रदेश जूडा अध्यक्ष डॉक्टर अरविंद मीणा ने कहा, हम मंत्री जी से मिलने खुद आए थे। हम हड़ताल खत्म करना चाहते हैं, लेकिन मंत्री जी ने हमारी मांगों को लेकर न तो कोई आदेश दिया न कोई मीडिया के सामने कोई आश्वासन दिया। हमारी हड़ताल आगे भी जारी रहेगी।
इंदौर में 8वें दिन हड़ताल जारी-इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज से जुड़े लगभग 450 जूनियर डॉक्टर्स एमवायएच, डेंटल कॉलेज और कोविड हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर सेवाएं नहीं दे रहे हैं। इससे मरीजों को खासी परेशानी हो रही है।
दिनभर बैठक और आगे की रणनीति को लेकर हुए मंथन के बाद रविवार शाम को करीब 100 से ज्यादा जूडा एमवायएच में एकजुट हुए। इस दौरान उन्होंने अस्पताल के मुख्य गेट के सामने सोमवार मोमबत्ती जलाकर विरोध दर्ज करते हुए नारेबाजी करते हुए सरकार से अपनी मांगें पूरी करने की मांग की। हड़ताल के चलते मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में व्यवस्था चरमरा रही है। शासकीय अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज से 30 डॉक्टर और शासकीय डेंटल कॉलेज से 30 असिस्टेंट सर्जन की ड्यूटी अस्पतालों में लगाई गई है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों के साथ ही खंडवा कॉलेज से 50 डॉक्टर पहले ही बुलाए गए थे।
हड़ताल के चलते मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में व्यवस्था चरमरा रही है। शासकीय अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज से 30 डॉक्टर और शासकीय डेंटल कॉलेज से 30 असिस्टेंट सर्जन की ड्यूटी अस्पतालों में लगाई गई है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों के साथ ही खंडवा कॉलेज से 50 डॉक्टर पहले ही बुलाए गए थे।
एबीवीपी ने समर्थन किया-उधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी जूडा की हड़ताल का समर्थन करते हुए स्टायपेंड बढ़ाने की मांग को सही करार दिया है। एबीवीपी ने सरकार से जूडा का स्टायपेंड बढ़ाने की सिफारिश की है। जूडा ने कहा जब तक सरकार लिखित में नहीं दे देती, मांगें पूरी होने तक जूडा की हड़ताल जारी रहेगी। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित का कहना है कि सरकार की तरफ से जो आदेश आएगा, उसका पालन किया जाएगा।
रविवार देर शाम मप्र मेडिकल काउंसिल ने जेडीए अध्यक्ष डॉ. प्रखर चैधरी के साथ ही जेडीए पदाधिकारी डॉ. रणसिंग तंवर, डॉ. नयन गुप्ता, डॉ. पूजा कुमार और डॉ. सक्षम कुमार को पंजीयन निरस्ती का नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इन सभी को 10 जून को भोपाल में एथिकल कमेटी के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए कहा गया है। नोटिस में कहा है कि अनावश्यक रूप से ड्यूटी से गैरहाजिर होने के अलावा आप लोग अन्य डॉक्टर्स को भी काम करने से रोक रहे हैं।
अवमानना पर सुनवाई जबलपुर-सोमवार को चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक, जस्टिस सुजॉय पाल की खंडपीठ इस पर सुनवाई करेगी। सरकार डॉक्टर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई किए जाने की मांग करेगी। डिवीजन बेंच ने जूनियर डॉक्टर्स द्वारा की गई हड़ताल को अवैधानिक करार देते हुए तल्ख टिप्पणी की थी। यह भी कहा था कि 24 घंटे के भीतर डॉक्टर काम पर लौटें।
इस आदेश को काफी समय हो गया पर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर अड़े हैं। सरकार से लिखित आश्वासन चाहता है जेडीएकई संगठन भी जूडा के समर्थन में आए हैं। डॉक्टर्स को पिछले दिनों मौखिक आश्वासन दिया था लेकिन अब वे सरकार से लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं।