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जबलपुर-मदनमहल के बीच रेल दुर्घटनाएं रोकने रेलवे ने बदली 16 हजार स्लीपर

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। जबलपुर से मदनमहल रेलवे स्टेशन के बीच चार किमी लंबी पटरियों को बदल दिया गया है। जबलपुर रेल मंडल ने इसके लिए लगभग 16 हजार से ज्यादा पटरियों को बदलकर नया लगाया है। अप और डाउन लाइन मिलाकर कुल आठ किमी की रेल पटरियां बदली गई हैं, ताकि ठंड के वक्त होने वाले रेल फ्रेक्चर की घटनाओं को रोका जा सके।

इस छोटे से रेलवे ट्रैक पर ठंड के वक्त कई रेल हादसे हो चुके हैं। कभी पटरी पर दरार आ गई तो कभी ट्रेन के पहिए ही ट्रैक से उतर गए। इन रेल हादसों को रोकने के लिए जबलपुर रेल मंडल इन दिनों इस ट्रैक पर नई पटरियां बिछाने का काम किया है।

कोरोना काल की वजह से लेट हुआ काम: जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के मुताबिक इस काम के पूरे होने के बाद न सिर्फ रेल दुर्घटनाओं को पूरी तरह से रोका लगेगी, बल्कि ट्रेन की रफ्तार भी बढ़ेगी। इस वहीं आउटर पर ट्रेनों को खड़े नहीं होना होगा। इसका सीधा फायदा यात्रियों को मिलेगा। इतना ही नहीं इस लाइन पर 110 किमी की रफ्तार से ट्रेनें चल सकती हैं।

मदनमहल स्टेशन की भी बदलेंगी पटरियां: दोनों मुख्य स्टेशनों के बीच डबल लाइन है। अप लाइन तकरीबन चार किमी और डाउन लाइन तकरीबन छह किमी लंबी है, जिसे बदला गया है। इसमें नई स्लीपर बदले गए हैं। अभी मदनमहल रेलवे स्टेशन की पटरियों को नहीं बदला गया है। दरअसल यहां अभी स्टेशन निर्माण का कार्य चल रहा है। निर्माण विभाग कार्य की गति बढ़ाकर समय पर काम करने में जुटा है, ताकि अन्य कार्यो के साथ पटरियां बिछाने का काम भी पूरा हो जाए।

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