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नाबालिक किशोरी के साथ दुष्कर्म के दोषी को 7 वर्ष की सश्रम कारावास

उदयपुर।पोक्सो कोर्ट ने 17 साल की किशाेरी के साथ दुष्कर्म के दाेषी चूरू के हमीरवास निवासी सुरेश पुत्र राजकुमार मेघवाल काे 7 साल साधारण कैद और 20 हजार रुपए आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। वहीं मामले में दोषी के भाई पवन और भुवाणा निवासी जसवंत पुत्र धूलचंद सुथार काे संदेह का लाभ देकर दाेषमुक्त किया है।पाेक्साे-1 के पीठासीन अधिकारी भूपेन्द्र कुमार सनाढ्य की कोर्ट में विशिष्ठ लाेक अभियाेजक चेतनपुरी गाेस्वामी ने 16 गवाह और 31 दस्तावेज पेश किए। प्रकरण के अनुसार पीड़िता के पिता ने 23 जुलाई 2016 काे सुखेर थाने में रिपाेर्ट दर्ज कराई थी।बताया कि 20 जुलाई 2016 को सुबह परिवार के सभी सदस्य घर जाने के लिए सुखेर स्थित मकान पर सामान पैक कर रहे थे। मैं उस समय नौकरी पर था। दोपहर करीब 11:30 बजे 17 साल की बेटी सहेली के कपड़े देने की बात कहकर घर से निकली जो वापस नहीं लौटी।घर लौटा तब रिश्तेदारों और आसपास पड़ोसियों से पूछा लेकिन कहीं भी पता नहीं चला। फिर सुखेर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस 25 जुलाई को झुंझुनूं के टमकोर गांव से बेटी को दस्तयाब कर लाई। पुलिस ने मामले में तीनाें काे आराेपी माना। पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि करीब डेढ़ साल पहले उसे अनजान नंबर से फोन आया।उसने अपना नाम पवन निवासी चूरू बताया। इसके बाद उसके फोन बार-बार आने लगे। जब वह सहेली के घर कपड़े देने जा रही थी। तभी रास्ते में पवन मिल गया, जिसने जबरदस्ती उसे टेंपो बिठा दिया और पिलानी ले गया।पवन पहले से शादीशुदा था तो उसने अपने बड़े भाई सुरेश से मेरी शादी कराने की बात कही। वहां से कोर्ट ले गए लेकिन उम्र कम होने पर कागज नहीं बन पाए। फिर पवन और सुरेश उसकी भुआ के यहां ले गए जहां सुरेश ने दुष्कर्म किया।

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