रीवा में लगती है सुप्रीम कोर्ट की पहली अदालत
रीवा : आपने अदालतों में वकीलों की जिरह सुनी होगी। लोग जिला कोर्ट के आदेश से संतुष्ट नहीं होने पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाते हैं, कुछ इसी तर्ज पर रीवा में भगवान की अदालत लगती है। यहां भी जिला दरबार से सुनवाई शुरू होती है। यहां लोग अर्जी लगाते हैं और फैसला दिया जाता है। यदि वे फैसले पर राजी नहीं हैं तो आगे की ‘हाईकोट दरबार’ और ‘सुप्रीम दरबार’ में जा सकते हैं। 30 से 40 साल पहले तक यहां काफी संख्या में लोग सुनवाई के लिए आते थे, लेकिन अब यह संख्या बहुत ही कम हो गई है। मामले काफैसला होने पर भक्त भंडारा, भजन, कीर्तन करते हैं।बता दें कि मंदिर के मुख्य पुजारी टोनी महाराज ने बताया कि चिरहुला नाथ स्वामी को जिला दरबार (जिला न्यायालय) कहा जाता है, हालांकि यहां पर आए किसी भी भक्त को निराशा नहीं मिली है, लेकिन यदि किसी को फैसले से शिकायत है तो वह रामसागर हनुमान मंदिर यानी हाईकोट दरबार और फिर खेमसागर हनुमान मंदिर यानी सुप्रीम दरबार में अपनी अर्जी लगा सकता है। सुनवाई के दौरान पुजारी रहते हैं, वे अपना अभिमत देते हैं। इसी आधार पर फैसला होता है। यह फैसला भगवान का माना जाता है।