जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे हम यही डटे रहेंगे- राकेश टिकैत
केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चे ने किसान महापंचायत की। यहां भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत जमकर गरजे। उन्होंने 10 फीट ऊंचे मंच से कहा कि इस सरकार ने पूरे देश को बेच दिया। अब लड़ाई ‘मिशन यूपी’ और ‘मिशन उत्तराखंड’ की नहीं, बल्कि देश को बचाने की है। यह आंदोलन देश के किसानों के बूते लड़ा जाएगा।आगे राकेश टिकैत ने कहा कि हम वो नहीं हैं, जो झोला उठाकर चल देंगे। मैं किसान हूं और किसान ही रहूंगा। आखिरी दम तक किसानों के साथ रहूंगा। किसानों के हक की लड़ाई के लिए हम हमेशा किसानों के साथ रहे हैं, और मरते दम तक किसानों की लड़ाई लड़ेंगे। बता दें कि इससे पहले आंदोलन में आक्रोशित किसानों ने शहर में लगे सीएम के बड़े-बड़े होर्डिंग को फाड़कर फेंक दिया। इस बीच करीब 2 घंटे इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।अल्लाह हू अकबर और हर-हर महादेव के नारे लगते रहेंगेवहीं, महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि अल्लाह हू अकबर और हर-हर महादेव के नारे हमेशा लगते रहे हैं और लगते रहेंगे। हम यहां दंगा नहीं होने देंगे। यह देश हमारा है, यह प्रदेश हमारा है, यह जिला हमारा है। लाल किले पर हमारे लोग नहीं गए। देश में कैमरा और कलम पर बंदूक का पहरा है। आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि यह याद करते रहना कि हम वहां से हटेंगे नहीं। साढ़े 450 रुपए कुंतल गन्ने का रेट चाहिए। MSP की गारंटी चाहिए। पूरे देश में संयुक्त मोर्चा आंदोलन करेगा। किसानों की यह लड़ाई आप (किसान) के दम पर लड़ी जाएगी। आज आप मुजफ्फरनगर में आए और पूरे देश को किसानों की ताकत दिखाई। 20 लाख की भीड़ यहां जुटी।सरकार ने किसानों के साथ सभी को धोखा दियाराकेश टिकैत ने कहा कि देश की सरकार ने किसानों के साथ सभी को धोखा दिया है। रेल, बिजली, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान, सड़कें, FCI के गोदाम, बंदरगाह प्राइवेट कंपनियों को बेच दिए गए हैं। अब खेती-बाड़ी भी इन कंपनियों को बेचने की तैयारी है। एक तरह से पूरा भारत बिकाऊ हो गया है। उन्होंने कहा कि शुगर मिलों पर गन्ना किसानों का 12 हजार करोड़ रुपया बकाया है। पिछली दो सरकार ने गन्ने का रेट बढ़ाया है, लेकिन योगी सरकार ने फूटी कौड़ी तक नहीं बढ़ाई। जब हम किसानों के हित की बात करते हैं तो सरकार इसे राजनीति बताती है।जब तक नहीं वापस होगा कृषि कानून, नहीं हटेंगे दिल्ली के बॉर्डर सेउन्होंने कहा कि पूरे देश का निजीकरण हो रहा है। ऐसे में रोजगार के साधन खत्म हो रहे हैं। यह लड़ाई सिर्फ किसानों की नहीं, बल्कि नौकरीपेशा, मजदूर, मेहनतकश समेत सभी वर्गों की है। टिकैत ने स्पष्ट कह दिया है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे, वह दिल्ली के बॉर्डर से नहीं हटेंगे। चाहें हमारी कब्रगाह ही बॉर्डर पर क्यों न बनानी पड़े। इसके लिए सरकार को वोट की चोट देनी होगी। लड़ाई किसानों समेत सभी वर्गों के दम पर लड़ी जाएगी।
मंडी कर्मचारी कल्याण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किसान पंचायत में की शिरकत-
संयुक्त किसान मोर्चा की किसान पंचायत में मंडी कर्मचारी कल्याण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवराज सिंह यादव ने भी शिरकत कर मंडी कर्मचारी कल्याण समिति का समर्थन किसान आंदोलन को दिया इस अवसर पर श्री यादव ने कहा की किसान विरोधी इन तीनों काले कानूनों को सरकार को वापस लेना चाहिए इससे किसान बहुत परेशानी में आ चुका है और किसानों को राहत देने के लिए केंद्रीय सरकार को अपनी हट छोड़कर कानूनों को वापस लेना चाहिए