ग्वालियर-चंबल अंचल

साइबर धोखेबाज अब आप के खातों से पैसे चुराने के लिए आपके फिंगरप्रिंट के कलोन का कर रहे है, उपयोग

साइबर धोखेबाज अब आपके बैंक खातों से पैसे चुराने के लिए आपके फिंगर प्रिंट के क्लोन का उपयोग कर रहे हैं। यह चेतावनी ग्वालियर के साइबर क्राइम पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल ने दी है। अग्रवाल का कहना है कि जिस किसी ने भी अपने बैंक खाते को आधार से लिंक किया है, उसके साथ धोखाधड़ी होने का खतरा है, भले ही उसने धोखेबाजों के साथ न तो क्रेडेंशियल / बैंक विवरण साझा किया हो और न ही कोई दुर्भावनापूर्ण ऐप डाउनलोड किया हो और न ही किसी फि़शिंग लिंक पर क्लिक किया हो। इसे AEPSधोखाधड़ी कहा जाता है।साइबर क्राइम एसपी सुधीर अग्रवाल ने कहा कि बैंक बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से धन की निकासी की अनुमति दे रहे हैं। अब आधार आपके खाते से जुड़ा हुआ है और हो सकता है कि आपका फिंगर प्रिंट किसी न किसी जालसाज के पास हो और ऐसा भी हो सकता है कि फिंगर प्रिंट का डाटा चोरी कर लिया गया हो। तो यह चिंता का विषय है कि कैसे सुरक्षित रहें। चूंकि उंगलियों के निशान नहीं बदले जा सकते हैं, सुरक्षित रहने का एकमात्र तरीका अपने आधार बायोमेट्रिक के दुरुपयोग को रोकना है। प्रत्येक आधार धारक के लिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण डिफ़ॉल्ट रूप से सक्षम होता है। “https://resident.uidai.gov.in/bio-lock” लिंक का उपयोग करके इसे अक्षम किया जा सकता है। इसलिए इसे निष्क्रिय कर दें और अपने बैंक डिपॉजिट को फ्रॉड से सुरक्षित रखें।साइबर क्राइम एसपी सुधीर अग्रवाल का कहना है कि फिंगर प्रिंट क्लोन के मामले में ग्रामीणों को ज्यादा खतरा है, क्योंकि वह फिंगर का उपयोग करते हैंऔर उसे बाद में निष्क्रिय भी नहीं कर पाते। साइबर क्राइम एसपी सुधीर अग्रवाल ने फिंगर प्रिंट मामले में सभी लोगों से सुरक्षित रहने व सावधानी बरतने को कहा है। (लेखक ग्वालियर के साइबर क्राइम एसपी हैं और उन्हें साइबरअपराध रोकने में दक्षता हासिल है। इस पर उन्होंने काफी अनुसंधान भी किया है। वह फेस बुक , वाटसएप, अन्य माध्यमों से लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। )

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