मध्य प्रदेश में नई सरकार की राय त्रिकोणीय मुकाबले वाली सीटों से निकलेगी ।
आजाद समाचार की विशेष रिपोर्ट
बृजेश पाठक संपादक की कलम से
विधानसभा चुनाव- 2023 में अपनी सरकार बनाने के लिए, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के मध्य मध्य जंग छिड़ी है । वर्ष 2018 के चुनाव में भाजपा सत्ता जरूर कायम नहीं रख पाई । लेकिन कांग्रेस भी बहुमत का कांग्रेस भी बहुमत का आंकड़ा प्राप्त नहीं कर सकी थी । अब 2023 के लिए चुनावी तस्वीर साफ हो रही है हर दूसरे दिन एक सर्वे रिपोर्ट आ रही है जिसमें कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है सट्टा बाजार भी दोनों पार्टियों के भाव शेयर मार्केट की तरह उतार-चढ़ाव पर हैं । त्रिकोणीय संघर्ष वाली सीटों ने इस चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। कम से कम 24 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बगिया ने ही चुनौती पेश की है इन सीटों पर चुनावी संघर्ष ऐसे संकेत दे रहा है कि भाजपा सपा और आम आदमी पार्टी जैसे दलों के प्रत्याशी भी प्रमुख दलों को नुकसान पहुंचाएंगे यह सभी सिम बहुमत का आंकड़ा जताने में भी निर्णायक भूमिका में अग्रणी रहनी । मालवा अंचल इंदौर जिले के डॉक्टर अंबेडकर नगर मऊ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की ओर से मंत्री उषा ठाकुर उम्मीदवार हैं तो कांग्रेस से रामकिशोर शुक्ला कांग्रेस की पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार निर्दलीय लड़ रहे । बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस को टिकट देने की विरोध में पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान निर्दलीय चुनाव मैदान में है । पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं भाजपा ने विधायक नीना वर्मा पर ही भरोसा जताया है । कांग्रेस ने प्रभा गौतम को उम्मीदवार बनाया है । जिससे नाराज होकर प्रदेश महामंत्री कुलदीप सिंह बुंदेला निर्दलीय होकर मैदान में खड़े हैं । उज्जैन जिले के बाडनगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने राजेंद्र सिंह सोलंकी का टिकट बदलकर विधायक मुरली मोरवाल को प्रत्याशी बनाया । लेकिन नाराज सोलंकी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए हैं ।
ग्वालियर चंबल अंचल की 34 सीटों को जीतने के लिए होड़ मची।
अंचल की 9 सीटें ऐसी हैं जिन पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा, जबकि 25 सीटों पर सीधा मुकाबला होगा। त्रिकोणीय मुकाबले वाली सीटें भाजपा और कांग्रेस के समीकरण को बिगाड़ सकती हैं। कांग्रेस सरकार को इन 34 सीटों के कारण ही सत्ता से बाहर होना पड़ा था। इसलिए कांग्रेस और भाजपा इन सीटों को जीतने के लिए एड़ी से छोटी तक का जोर लगा रही है। चंबल अंचल में भिण्ड और मुरैना जिले की विधानसभा में 3-3 सीटें ऐसी है जहां त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है। हालांकि पिछले चुनाव में भिंड से बसपा से संजीव कुशवाह खड़े हुए थे और जीत भी हासिल की थी। चंबल से एकमात्र सीट थी जो किसी तीसरी पार्टी ने जीती थी।
* भाजपा कांग्रेस की टक्कर *
मेहगांव, गोहद, सबलगढ़, जोरा, अंबाह, डबरा, भितरवार , श्पुयोर, विजयपुर, बमोरी गुना माधवगढ़ शिवपुरी- पिछोर, करेरा ,ग्वालियर दक्षिण, ग्वालियर पूर्व ग्वालियर ग्रामीण, दतिया ,कोलारस,
* त्रिकोणीय मुकाबला संघर्ष इन सीटों पर *
भिंड, अटेर ,लहर, सुमावली ,मुरैना दिमिनी चाचौडा, पोहरी,शेवढ़ा आदि ।
* कांग्रेस ने जीती थी 27 सीटें 2018 के चुनाव में *
ग्वालियर चंबल संभाग में 34 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें से 2018 के चुनाव परिणाम देखे जाएं तो कांग्रेस ने 27 सीट जीतकर भाजपा को कड़ी चुनौती दी थी । ज्योतिरादित्य सिंधिया उसे समय कांग्रेस में शिल्पकार का भूमिका निभा रहे थे उसी का यह परिणाम था । अब सिंधिया भाजपा में आ गए हैं पिछला रिकॉर्ड को दोहराना उनके लिए चुनौती है ।
वर्तमान चुनावी सभाओं को देखते हुए ऐसा लगता है सिंधिया अपने करीबी उम्मीदवारों को जितने के लिए की जान से झूठे हैं और लगातार सभाएं कर रहे हैं ।
* बागी मैदान में बिगाड़ रहे भाजपा कांग्रेस का गणित *
ग्वालियर चंबल क्षेत्र के आंचल की सीटों पर दिग्गज बागी बनकर चुनाव मैदान में दाम कम से डेट हैं और उनकी चुनावी सभाओं को देखते हुए ऐसा लग रहा ए बीजेपी और कांग्रेस का गणित फेल कर ने मैं सक्षम है ।
शिवपुरी जिले में पोहरी सीट से कांग्रेस के बागी प्रद्युम्न वर्मा बहुजन समाज पार्टी बासपा से चुनाव मैदान में है । उनके चुनावी मैदान में उतरने से कांग्रेस एवं भाजपा दोनों के पैरों के ताले की जमीन खिसक रही है ।
दिमनी से बासपा प्रत्याशी बालवीर सिंह दंडोतिया । मुरैना जिले के सुमावली से कांग्रेस के बागी कुलदीप सिकरवार जो वासपा से उम्मीदवार हैं। । मुरैना विधानसभा सीट से भाजपा के बागी राकेश रुस्तम सिंह ।
भिंड जिले की लहार, सीट से भाजपा के बागी रसाल सिंह बासपा, अटेर से मुन्ना सी भदोरिया सपा, भिंड सीट से संजीव सिंह कुशवाहा बासपा । बुंदेलखंड क्षेत्र की जतरा सीट से कांग्रेस के बागी धर्मेंद्र अहिरवार बासपा, सागर जिले की बंडा विधानसभा मैं भाजपा से बगावत कर सुधीर यादव ने आपसे उतर कर मुकाबले को त्रिकोणी बना दिया है ।