सियासत में रंगे सियारों की भरमारजनता को करना होगा अब विचार।
सियासत में रंगे सियारों की भरमार
जनता को करना होगा अब विचार।
हमारे देश में लोकतंत्र है और यहां शासन
लोक अर्थात लोगों का है लोगों के द्वारा चुने जनप्रतिनिधियों का है और इन जनप्रतिनिधियों में भागीदार ज्यादातर
‘रंगें सियार’है ?
जी हां सादे कपड़ों में लिपटे काले कारनामे करने वाले लोग अधिक है।
जिनकी पोल समय समय पर खुलती रहती है परंतु राजनीति ऐसी कि इन सियारों को सियासत से बाहर का रास्ता दिखाने वालों से ज्यादा इन्हें बचाने वाले हमारे देश में अधिक है, और आम जनता गुमराह?
अभी अभी पूरे सोशल मीडिया में बिहार के मुख्यमंत्री जी का विडियो वायरल हो रहा था
बिहार के मुख्यमंत्री जी ने मंगलवार दिनांक -7,-11-2023को बिहार विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण मामले पर बोलते हुए महिलाओं और पुरुषों पर अभद्र टिप्पणी की।
टिप्पणी ऐसी की सुनते ही लोग सोच में पड़ गए की नीतीश कुमार ने ऐसा कहा कैसे?
ये तो पढ़ें लिखे सभ्य नेता जाने जाते हैं फिर ऐसा उन्होंने ने कैसे कहा?
मुख्यमंत्री जी ने जो कहा, उसे शब्दो में नहीं लिखा जा सकता। उनकी कही बातें वायरल हो रही हैं- “पुरुष है वह तो रोज रात में (इशारा) ##, उसके साथ वह रोज (इशारा) ### है न! त उसी में वह ## हो जाता है। लड़की पढ़ लेती है तो उसे पता होता कि वह ### ठीक है, लेकिन अंतिम में ## उसको ## कर दो।”
मुख्यमंत्री जी शिक्षा के कारण बिहार में जन्म-दर गिनाना चाह रहे थे, लेकिन उनकी जबान फिसल गयी।
जबान इसलिए फिसली क्योंकि उनके अंतश में वैसी बातें हैं और कभी कभी जोश में होश खो बैठते हैं?
क्योंकि मंच पर जब भी कोई नेता भाषण देता है तो रटी रटाते बातों को बोलता है और वह भाषण दूसरों के द्वारा तैयार किया गया रहता है।
हमारे देश में वैसे भी नेता है जो बेहिचक फराटे दार बोलते हैं और उनकी जबान कभी नहीं फिसलते मगर रंगेशियारों की जवान आए दिन फिसलते रहती है और उसकी असलियत भी जनता को पता चलती है परंतु ऐसे रंग सेरो को बचाने वाले लोग भी काम नहीं है जहां महिला आयोग नीतीश कुमार का विरोध किया वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने नीतीश कुमार का सपोर्ट किया यह विरोधाभास हलक से नीचे नहीं उतरता
आखिर क्यों गलत को गलत और सही को सही सियासत में क्यों नहीं कहा जाता है शायद इसलिए की सत्ता का लोभ लोगों को अंधा बना देता है। पूरे भारत में नीतीश कुमार का विरोध हुआ परंतु नीतीश कुमार से जिनका फायदा है उन्होंने ही सिर्फ सपोर्ट किया।
जुबां से निकले शब्द कभी वापस नहीं लिए जा सकते। लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को बिहार विधानसभा में दिए विवादित बयान पर माफी मांग ली है, लेकिन उनके बयान पर सियासी भूचाल खड़ा हो चुका है।
पटना से लेकर दिल्ली तक सीएम नीतीश के विवादित बयान की आलोचना हो रही है। ना सिर्फ भाजपा बल्कि विपक्षी नेताओं ने भी सीएम नीतीश के बयान की कड़ी आलोचना की है। और यह स्वाभाविक भी है उन बयानों
का सपोर्ट बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए जिसका विश्लेषण बच्चों के सामने नहीं किया जा सके जिसे सुनते ही महिलाएं और पुरुष शर्म महसूस करें।
अब हम जनता को यह सोचना होगा कि, जो व्यक्ति अपनी जबान तक नहीं संभाल सकता वो देश और राज्य संभालने में सक्षम है क्या?
विचार जरूर करें जय हिन्द जय भारत