ग्राम खडीचा सिद्धेश्वर मंदिर पर पांच दिवसीय रामचरितमानस कथा प्रारंभ ।
ग्राम खडीचा सिद्धेश्वर मंदिर पर पांच दिवसीय रामचरितमानस कथा प्रारंभ ।
बृजेश पाठक जिला अधिमान्य पत्रकार
करैरा ।आजाद समाचार । शिवपुरी जिले के करैरा अनु बिभाग के ग्राम खाडीचा सिद्धेश्वर मंदिर पर दिनांक 6 मार्च से रामचरितमानस पर मानस सम्मेलन प्रारंभ हुआ है । यह सम्मेलन को गत 32 वर्ष हो चुके हैं , सिद्धेश्वर मंदिर पर वैसे तो करैरा तहसील ,नरवर तहसील के अधिकांश ग्रामों के लोगों की आस्था है । लेकिन इस सम्मेलन में 8 ग्राम के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा हर वर्ष लेते हैं । सम्मेलन समिति द्वारा प्रतिवर्ष मुर्धन विद्वान एवं संतों को मानस सम्मेलन में प्रवचन हेतु बुलाया जाता है । जिनकी प्रवचन सुनकर लोग आनंद की अनुभूति प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य मानते हैं ।
इस वर्ष संत श्री सिया शरण दास जी महाराज अयोध्या धाम, पंडित श्री राघवेंद्र शास्त्री अयोध्या धाम साध्वी अंजनी दीदी मानस माधुरी भांडेर जिला दतिया और स्थानीय पंडित श्री श्री सुशील शास्त्री खाडीचा को समिति द्वारा बुलाया गया । इन विद्वानों के श्रीमुख द्वारा भगवान श्री राघवेंद्र सरकार पुरुषोत्तम एवं भूत भावन भगवान शंकर भगवान की तमाम लीलाओं का वर्णन किया जा रहा है । गत रोज दूसरे दिवस के मानस सम्मेलन में मंच का संचालन करते हुए पंडित श्री सुशील शास्त्री जी ने बड़े ही स्नेह भाव से भगवान श्री राम जन्म की लीलाओं से कथा को प्रारंभ किया। मानस सम्मेलन को आगे बढ़ते हुए ।
संत शिरोमणि श्री सियासरण दास जी महाराज अयोध्या धाम ने अपनी अमृतमई बनी से श्रोताओं को अमृत रूपी कथा का रसास्वादन करते हुए सूर्यवंश के परम प्रतापी राजाओं का वर्णन करते हुए आगे कहा परमात्मा भक्ति और ज्ञान वैराग्य को अपना स्थान बनाते हैं । परमात्मा ने देवताओं के निवेदन पर और ज्ञान और श्रद्धा भक्ति की देवी कौशल्या और राजा दशरथ के यहां जन्म लिया । परमात्मा ने तमाम बाल लीलाएं करते हुए लोगों को समाज में किस प्रकार रहना चाहिए बो शिक्षा दी और अपने गुरुओं का आधार किस प्रकार करना चाहिए यह भी उन्होंने अपनी लीलाओं के माध्यम से बताया है ।
पंडित राघवेंद्र शास्त्री अयोध्या धाम ने अपनी मधुर और ओजस्य पूर्ण वाणी से भगवान श्री राम एवं श्री दशरथ राजा के प्रेम का व्याख्यान करते हुए गुरु वशिष्ठ द्वारा भगवान श्री राम को सारी विधाओं में पारंगत करने की कथा को सुनाया ।
अंत में साध्वी अंजनी मानस माधुरी द्वारा भगवान श्री कृष्ण के कीर्तन से अपनी कथा को प्रारंभ करते हुए , कहा भगवान श्री राम ने अहिल्या का उद्धार किया। अहिल्या की कथा से हमें शिक्षा मिलती है कि परमात्मा सभी पर चाहे पुरुष हो या स्त्री दीन हो या दुखी राजा हो या रंग अपनी कृपा समान दृष्टि से बरसते हैं । वर्तमान समय में हमारे युवा पीढ़ी कहां जा रही है इस विषय पर भी साध्वी अंजनी दीदी ने बड़े ही विस्तार से लोगों को समझाया । कथा का प्रारंभ भगवान श्री राम एवं भगवान भूत भवन शंकर जी एवं हनुमान जी की आरती से प्रारंभ हुआ और कथा के अंत में भी पंडित श्री सुशील शास्त्री जी द्वारा मुख्य यजमान हरबान सिंह परमार ग्राम फतेहपुर से आरती कराई गई ।अंत में सभी उपस्थित भक्ति श्रद्धालु गानों के लिए प्रसाद वितरण हुआ ।