पांच ट्रक माल से भरे बिना कागजों के संभाग उड़ान दस्ता प्रभारी ने पकड़े । दतिया जिले से शिवपुरी करैरा आ रहे थे ।
- बृजेश पाठक जिला अधिमान्य पत्रकार *
करैरा । आजाद समाचार । शिवपुरी जिले की कृषि मंडी करैरा की अजब और गजब ,कहांनी ,जनता चौपाल की जुबानी, व्यापारियों की मनमानी ।
मंडी कर्मचारी और भारसाधक अधिकारी की लापरवाही के चलते करेरा कृषि उपज मंडी क्षेत्र से प्रतिदिन बिना शासन के टैक्स चुकाए हजारों कुंटल माल इधर से उधर व्यापारी प्रतिदिन कर रहे हैं ।
आज संभाग मंडी उड़न दस्ता प्रभारी महेश कुमार बाथम ने अचानक करैरा मंडी क्षेत्र का निरीक्षण किया तो उन्होंने देखा की बालाजी धर्म कांटे के पास 56 माल से लगे ट्रक खड़े हुए हैं उन्होंने तत्काल ट्रक ऑन का निरीक्षण किया और ड्राइवरों के बयान पंचनामा बनाया तो प्रथम दृष्टि पाया की इन ट्रक चालकों के पास बिल नहीं है और ना ही यह माल कहां उतरना है यह उनका ज्ञात है । करैरा नगर के जागरूक पत्रकारों अपने सूत्रों से पता चला कि बिना शासन नियम के कुछ व्यापारियों के ट्रक माल लगे हुए मंडी उड़ान दस्ताने पकड़ लिए हैं तब वहां पर पत्रकारों का एक दल वहां पहुंचा ।
हमारे संवाददाता ने संभाग मंडी उड़न दस्ता प्रभारी महेश कुमार बाथम जी से इस संदर्भ में पूछा की महेश जी मंडी प्रांगण में 5 से 6 ट्रक गाड़ी माल से लदे हुए खड़े हैं यह गाड़ियां आपने कहां से पकड़ी और किसी व्यापारी की है ।
उत्तर -निरीक्षण के दौरान बालाजी धर्म कांटे के पास एक गाड़ी ट्रक माल से लगे हुए खड़े थे वहां से हमने इनको पड़ा है और नियम अनुसार कार्रवाई हो इसके लिए हमने अपनी मंडी प्रांगण में इनको लेकर आए हैं मैं इनके कागजों की जांच पड़ताल कर रहा हूं ।
प्रश्न । आपने जब गाड़ियां पड़ी तो क्या ड्राइवरों के पास कागज नहीं थे ।
उत्तर । घटनास्थल पर हमने स्टेटमेंट ले लिया है और बयान भी ड्राइवर के दर्ज कर लिए हैं ।
हमारे संवाददाता के कई प्रश्नों के उत्तर महेश कुमार बाथम जी ने टाल दिए और उनके उत्तर सही तरीके से नहीं दे सके हमारे संवाददाता का सिर्फ इतना प्रश्न था की इन ट्रैकों में कितना माल है और किसी व्यापारी का है और इन पर कितना मंडी टैक्स लगाया जाएगा । क्योंकि इनके पास वर्तमान में कोई वैधानिक कागज नहीं है । सूत्रों की मां ने तो तीन गाड़ी भंडेर बेयर हाउस से करैरा के लिए किसी सूर्यकांत या बंटी व्यापारी के यहां के लिए रवाना हुई है । इसी तरह दो गाड़ी दतिया वेयरहाउस से करेरा के लिए रवाना हुई है
उड़ान दस्ता प्रभारी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लगभग 2.75 000 का मंडी टैक्स प्रस्तावित कर दिया है ।
* वही जीएसटी कर्मचारी भी वहां पर आ चुके थे ।
जब हमारे संवाददाता ने जीएसटी के कर्मचारियों से चर्चा की तो उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी से चर्चा करने की सलाह हमारे संवाददाता को दी ।
अब देखना यह है कि जीएसटी अधिकारी इन व्यापारियों पर क्या कार्रवाई करते हैं । क्योंकि करैरा के व्यापारी जीएसटी मंडी टैक्स की चोरी करने के आदतन अपराधी वर्षों से हैं । सूत्रों की माने तो यहां के एक व्यापारी ने भ्रष्टाचार के रूप में किसी इनकम टैक्स जीएसटी अधिकारियों को 45 लख रुपए तक की बहुत बड़ी रकम दी थी । इस तत्व की जांच करने के लिए सीआईडी या सीबीआई द्वारा जांच की जाए तो प्रमाण मिल सकते हैं ।
दूसरी ओर करैरा भारसाक अधिकारी एवं कर्मचारियों की लापरवाही के चलते गत 5 वर्षों से मंडी प्रांगण में किसानों का माल नहीं खरीदा जा रहा है ।
किसान कभी कभा कृषि मंडी के अंदर अपने वाहन ट्रैक्टर ट्राली, लोडिंग या बैलगाड़ी से माल फसल बेचने आते हैं । लेकिन व्यापारी नहीं आते । जनता चौपाल के माध्यम से जनता की जुबानी चौपाल की कहानी में किसानों ने बताया कि हम मजबूर होकर अपनी फसल माल व्यापारियों के गोदाम पर होने-पुणे दामों में बेच रहे हैं । व्यापारी हम किसानों से दो प्रतिशत का खर्चा के नाम पर किसान विक्रेता के पैसे रुपया काम कर भुगतान देता है । माल अपने कांटों से अधिक तोल लेते हैं व्यापारी, इसकी शिकायत भी कभी-कभी हम मंडी सचिव से करते हैं लेकिन कृषि मंडी सचिव कार्यालय में न होकर न जाने कहां रहते हैं हम किसान परेशान होकर अपनी किस्मत पर आंसू बहाते हैं ।