गर्मी के मौसम में बिजली का बिल घटाने के तरीके
शिवपुरी, 2 अप्रैल 2024/ गर्मी के मौसम में अक्सर बिजली बिल बढ़ जाता है, जिसकी वजह कुछ जरूरी उपकरणों का इस्तेमाल तथा उनके रखरखाव में कमी होती है। जैसे-जैसे पारा चढ़ता है, वैसे-वैसे ए.सी., कूलर, पंखों का इस्तेमाल बढ़ जाता है। ऐसे में आपका बिजली का बिल ना बढ़े, इसके लिए मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कुछ कारगर तरीके सुझाये हैं। ए.सी. इस्तेमाल करने वालों के लिए टिप्स यह है कि वह अपने ए.सी. के टेम्प्रेचर को 24 से 26 डिग्री के बीच सेट करें। इससे नीचे टेम्प्रेचर करने पर ए.सी. के कंप्रेशर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ए.सी. ज्यादा देर तक चलता है, इसलिए बिजली भी ज्यादा खर्च होती है और आपका बिल ज्यादा आता है। बेहतर होगा कि ए.सी. के साथ-साथ कमरे में पंखा भी चलाएं। ए.सी. के एयर फिल्टर को हर 10-15 दिनों में अच्छी तरह धोकर साफ करें। फिल्टर में धूल जमने में आपको पूरी ठंडक नहीं मिलती और आपको ए.सी. ज्यादा देर तक चलाना पड़ता है। ए.सी. वाले कमरों के खिड़की-दरवाजे ए.सी.चलने के दौरान मजबूती से बंद रखें। यदि दरवाजे-खिड़कियों में झिरियां हों तो उन्हें थर्मोकोल आदि का इस्तेमाल कर सील कर दें।
इसी तरह कूलर इस्तेमाल करने के लिए भी कुछ जरूरी टिप्स हैं। कूलर से पूरी ठंडक पाने के लिए जरूरी है कि कूलर जितनी हवा फेंक रहा है उतनी हवा कमरे से बाहर निकलने का भी पूरा इंतजाम हो। कूलर के पैड यदि खराब हो गये हैं तो उन्हें बदलवा लें। कूलर के पंखे और पंप की आइलिंग ग्रीसिंग के साथ ही कंडेंसर की जांच जरूर करायें। पुराने रेगूलेटर की जगह इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर लगवाएं, इससे बिजली कम खर्च होती है।इसी तरह पंखे इस्तेमाल करने के दौरान जरूरी है कि घर के सब पंखों की सर्विसिंग करा लें। खराब कंडेंसर, बाल बेयरिंग इत्यादि को तुरंत बदलवा लें,वहीं पंखे में इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर का इस्तेमाल करें। रेफ्रिजरेटर इस्तेमाल करने में भी सावधानी रखें।
गर्मी का मौसम शुरू होने के पहले रेफ्रिजरेटर की जांच करा लें। रेफ्रिजरेटर का दरवाजा बार-बार ना खोलें। दरवाजा बार-बार खुलने या ज्यादा देर खुला रहने से कंप्रेसर को फ्रिज का टेम्प्रेचर बनाये रखने में ज्यादा मेहनत लगती है। जिससे बिजली की खपत अधिक होगी और बिल बढ़ेगा। एकदम गर्मागर्म खाना या दूध फ्रिज में न रखें। ऐसा करने से भी कंप्रेसर को ज्यादा देर चालू रहना पड़ता है और आपका बिजली बिल बढ़ता है।