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    2024, लोकसभा चुनाव कयास बाजी जारी जनमानस पर हावी नतीजों की अटकलें ।

         

     चौराहों से चौपाल तक एक ही चर्चा ।

कयासबाजी जारी जनमानस पर हावी नतीजों की अटकलें ।

करैरा -ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से सांसद के निर्वाचन हेतु जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्रों में जारी चुनावी प्रक्रिया के दौरान विगत एक पखवाड़े जोर-शोर से परवान चढ़ा शोर- शराबा मतदान की संपन्नता के बाद एक बार फिर जनचचर्चाओं व अटकलबाजियों की गहमा-गहमी के साये में आबाद नजर आने लगा है। मतगणना और नतीजों की घोषणा को लेकर जनमानस पर हावी उत्सुकता मतगणना की तिथि नजदीक आने के साथ-साथ लगातार बढ़ती जा रही है। इस दौरान जहां चुनावी मैदान के दलीय और निर्दलीय रणबांकुरे अपनी लंबी थकान को उतारने तथा विजयश्री के लिए अपने-अपने ईष्ट को मनाने के उपक्रम में लगे हुऐ हैं । वहीं उनके कार्यकर्ताओं और समर्थकों की फौज जिला मुख्यालय के सार्वजानिक ठिकानों और चौराहों से लेकर गांवों की चौपालों तक पूर्ववत जमी दिखाई दे रही है।

     चुनावी चकल्लस के इस माहौल में जहां मतप्रासि के किये जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी क हुआ है वहीं दूसरी ओर हार-जीत संभावनाओं और जीत के अंतर को लेकर तर्क दिये जा रहे हैं। 

   इस चर्चाओं राजनैतिक कार्यकर्ताओं और समर्थकों साथ-साथ वह आम नागरिक समुदाय बराबरी के साथ शरीक बना हुआ है मतदान के दिन तक अपनी चुप्पी तोड़ने तैयार नहीं था। अब जबकि मतदान हो चुका है त जनमत वोटिंग मशीनों के पेट में समा गया। 

                 आम मतदाता दबी जुबान से अपने  संभावनाओं के रूप में प्रकट करते दिखाई रहे हैं। इनमें ऐसे मतदाताओं की संख्या सब ज्यादा है । जो हवा के रुख के साथ-सा अपन कर रहे हैं। 

     कुल मिलाकर मतदान की सम्पन्नता के बाद दोनों विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ता, समर्थक और मतदाता अपनी थकान उतार कर तरोताजा नजर आ रहे हैं जो आगामी 04 जून को मतगणना के दौरान एक बार फिर अपनी उत्साहपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते दिखाई देने को तैयार हैं। बहरहाल, चुनावी चकल्लस का माहौल दिन निकलने से लेकर रात ढलने तक जनमानस पर हावी नजर आ रहा है, जिसके प्रभाव से जिले भर में जारी मांगलिक आयोजनों का माहौल भी अछूता नहीं है।

बड़ा नहीं छोटा होगा जीत-हार का फासला ग्वालियर संसदीय क्षेत्र का…….

करैरा-ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित होकर लोकतंत्र के सर्वोच्च सदन संसद भवन में पहुंचने वाले सांसद के नाम को लेकर भले ही जनमानस में मत-मतांतर का दौर जारी हो लेकिन एक बात ऐसी भी है जिसे सभी सहजता से स्वीकार कर रहे हैं। विगत 07 मई को मतदान कर 04 जून को आने वाले नतीजों का इंतजार कर रहे मतदाताओं और कार्यकर्ताओं का मानना है कि संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित होने वाले तथा निकटतम प्रतिद्वन्द्वी बनने वाले प्रत्याशियों के बीच हार-जीत का फासला ज्यादा नहीं होगा तथा विजयश्री का वरण करने वाला उम्मीदवार उस ऐतिहासिक जीत को हासिल नहीं कर पाऐगा जिसका दावा टिकटों की घोषणा के दौर में ताल ठोक-ठोक कर किया जा रहा था। गौरतलब है कि ग्वालियर  क्षेत्र से विधान सभा अध्यक्ष मध्यप्रदेश नरेन्द्र सिंह तोमर के खासमखास माने जाने वाले भारत सिंह कुशवाहा, एवं उनके राजनैतिक धुर विरोधी माने जाने वाले कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीण पाठक  चुनावी महासमर के महायोद्धा रहे हैं तथा दोनों के बीच तगड़े मुकाबले का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यकीनी तौर पर अपनी जीत का दावा उक्त दोनों खेमों में से कोई भी पूरी गर्मजोशी के साथ नहीं कह पा रहा है। लेकिन यह सत्य है कि अबकी बार ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी को बहुत समाजों ने अच्छा समर्थन किया है इसलिए चौपाल पर खूब चर्चा हो रही है कांग्रेस प्रत्याशी कि समर्थन की ।

               

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