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विंध्य का यह जिला प्रकृति नजरों से भरपूर, चित्रकूट धाम जैसे पवित्र स्थान,आइए जानते हैं , सतना की दिलचस्प बातें ।

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  • विंध्य का यह जिला है प्रकृति नजरों से भरपूर, चित्रकूट धाम जैसे पवित्र स्थान,आइए जानते हैं सतना की दिलचस्प बातें

Hidden secret of Satna: 1618 ईसवी में राजाविक्रमादित्य द्वारा बसाया गया सतना के बारे में कुछ दिलचस्प बाते जानते है,चित्रकूट मैहर

मध्य प्रदेश के सतना जिले के बारे में सतना जिला मध्य प्रदेश में 1618 ईसवी में राजा विक्रमादित्य द्वारा बसाया गया था।

आंकड़ों के हिसाब से यह राज्य का सातवा सबसे बड़ा जिला है कहा जाता है, कि सतना जिले का नाम अथर कच्छ से पड़ा था, क्योंकि यह वद पर्वतों के ढलान पर बसा हुआ है। पुराने समय पर इस जिले को बघेल खंड के नाम से भी जाना जाता था।

सतना जिले की डेमोग्राफी

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अब अगर बात करें इस जिले की डेमोग्राफी की तो यहां पर 22 28000 की आबादी पाई जाती है, यह जिला 7502 वर्ग किलोमीटर के विस्तृत भूभाग पर बसा हुआ है,वही इस जिले की समुद्र तल से औसत ऊंचाई 315 मीटर है यह जिला उत्तर प्रदेश रीवा शहडोल, उमरिया, कटनी और पन्ना जिले की सीमाओं से चारों तरफ से घिरा।

सतना आठ तहसील रघुराज नगर, कोठर मंजगाम, नागौद, उचेहरा, रामपुर बघेलान कोटर और विरशुनपुर में बटा हुआ है साथ ही इस जिले में छह जनपद 703 ग्राम पंचायतें पाई जाती है, और सतना जिले में 21125 गांव साफ और स्वच्छ है, वहीं यहां के लोगों द्वारा बोली है।

गई मुख्य भाषा हिंदी और बघेली बोली जाती यहां सबसे अधिक हैं हिंदू आबादी दोस्तों इस जिले में सबसे ज्यादा हिंदू और दूसरे नंबर पर मुस्लिम आबादी पाई जाती है। सतना का लिंगा अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 927 महिलाएं पाई जाती है साथ ही यहां का जनसंख्या घन 300 व्यक्ति प्रति वर्ग है।

सतना में सबसे अधिक फेमस जगह

दोस्तों अब अगर बात करें इस जिले की मुख्य आकर्षण की तो यहां पर सबसे ज्यादा लोग महेर मंदिर देखने के लिए आते हैं। यह मंदिर भारत का एक मात्र शारदा देवी मंदिर है, जो सतना की सबसे ज्यादा फेमस जगहों में से एक है इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 590 सीढ़ियां चढ़कर पहाड़ी के ऊपर पहुंचना पड़ता है।

अब अगर बात करें दूसरी फेमस जगहों की तो इस जिले का चित्रकूट धाम जहां भगवान राम का वास है यहां के लोगों का कहना है, कि भगवान राम और सीताने तना के चित्रकूट जंगलों में 11 वर्षों तक अपने वनवास के समय काटा था, यह धाम भारत की सबसे पुरानी जगहों में से एक माना जाता है।

कई दर्शनीय जगह है मौजूद

इस जिले में बिरसिंहपुर सतना भरहुत रामवन, सतना धर कुंडी आश्रम को भी देखने के लिए लाखों की संख्या में भीड़ लगी रहती है, यदि आप भी सतना में खूबसूरतझरने नदियों और जंगलों को एक साथ देखना चाहते हैं तो देर किस बात की जाइए सतना घूमने।

सतना जिले की क्या है अर्थव्यवस्था

सतना जिले की अर्थव्यवस्था की बात करें तो यहां के लोगों द्वारा खेती और उद्योगों से अच्छी खासी आमदनी कमाई जाती है। इस जिले का मुख्य व्यवसाय खेती है सतना में सबसे ज्यादा गेहूं सरसों और मूंगफली उगाई जाती है इस जिले में सबसे बड़ा सीमेंट उद्योग है।

इस जिले को कहा जाता है सीमेंट की राजधानी

सतना जिले को सीमेंट की राजधानी भी कहा जाता है और इस जिले की उद्योग की इकोनॉमी में इंपॉर्टेंट हिस्सेदारी मानी जाती है वहीं इस जिले में छोटे-छोटे उद्योग और ट्रैवलिंग सेवाओं में भी बढ़िया पैसा कमाया जाता है। अर्थव्यवस्था में इसका मुख्य रोल है।

सतना में क्या सबसे अधिक खाते है लोग

सतना जिले के लोग ज्यादा कुंदे के पेड़े, पोहा जलेबी भरता और बाटी खाया जाता है, अगर बात करें इस जिले के इंफ्रास्ट्रक्चर की तो सतना की इकोनॉमी को फ्यूचर में और भी बढ़िया बनाने के लिए और उद्योगों के विकास के लिए इस जिले की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया गया है इस जिले की सबसे पास में खजुरा हो हवाई अड्डा है।

सतना रेल लाइन है काफी बड़ी

आपको बता दें कि जिला भारत के सभी बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता से रेलवे लाइन और बस सेवाएं के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, सतना जिले की सड़कों पर आपको एमपी 19 नंबर प्लेट वाली वाहन दौड़ती मिल जाएगी।

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