दीपावली का पर्व गुरुवार को ही मनाया – जाएगा, 31 की रात्रि में रहेगी अमावस्या ।
• 1 नवम्बर को प्रदोष काल में कुछ ही समय रहेगी अमावस्या
• आज घर घर पूजा के लिए शाम 6:27 से रात 8:23 बजे तक शुभ मुहूर्त ।
* बृजेश पाठक जिला अधिमान्य वरिष्ठ पत्रकार *
करैरा ।आजाद समाचार । विद्वानों और ज्योतिषाचार्यों
ने ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर सर्वसम्मति से 31 अक्टूबर को दिवाली मनाने का निर्णय लिया है। धर्म शास्त्रों के अनुसार 1 नवंबर को प्रदोष काल में केवल कुछ मिनट के लिए अमावस्या तिथि रहेगी जिससे लक्ष्मी पूजन का समय उपलब्ध नहीं होगा वहीं 31 अक्टूबर को प्रदोष काल और अर्धरात्रि दोनों में अमावस्या रहने के कारण इसे दीपावली मनाने के लिए उपयुक्त माना गया है।
इस वर्ष दीपावली पर पूजन का सर्वोत्तम मुहूर्त वृषभ स्थिर लग्न में सायं 6:27 से रात 8:23 बजे तक है। इस समय अवधि में घरों और प्रतिष्ठानों में समृद्धि की कामना से लक्ष्मी पूजन का एक घंटे 57 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहा है, इसके बाद सिंह स्थिर लग्न में मध्यरात्रि 12:53 बजे से भोर 3:09 बजे तक का मुहूर्त उपलब्ध रहेगा।
ब्रह्म पुराण के अनुसार अमावस्या की रात को माता लक्ष्मी घर घर में जाती हैं, इसलिए अमावस्या की अर्धरात्रि में खुला घर रखने से लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार 31 अक्टूबर को अमावस्या का प्रवेश प्रदोष काल में हो जाएगा जिससे यह तिथि लक्ष्मी पूजन के लिए श्रेष्ठ है।
* दिवाली पूजन विधि *
दीपावली पर पूजन के लिए पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं चौकी पर सबसे पहले गणेश जी की और उनके दाहिनी ओर लक्ष्मी जी की मूर्ति रखें। जल छिड़क कर संकल्प लें और घी का दीपक जलाकर पूजा आरंभ करें। मां लक्ष्मी और गणेश जी को फूल और मिठाई अर्पित करें, पहले गणेश जी और फिर लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करें आरती करें और शंख ध्वनि करें इसके बाद घर के प्रत्येक कोने में दीप जलाएं।